वसुदान n. शिवदेवों में से एक
[ब्रह्मांड. २.३६.३२] ।
वसुदान II. n. एक राजा, जो कुशद्वीप के हिरण्यरेतस् राजा के पुत्रों में से एक था
[भा. ५.२०.१४] ।
वसुदान III. n. पांशुराष्ट्र का अतिरथि सम्राट्, जो भारतीय युद्ध में पाण्डवों के पक्ष मे शामिल था
[म. उ. १६८.25] । इसे ‘वसुमत्’ नामान्तर भी प्राप्त था
[म. स. ४.५१ *] । युधिष्ठिर के राजसूय यज्ञ के समय, इसने २६ हाथी, २००० घोडे आदि भेटवस्तुएँ उसे अर्पित की थी
[म. स. ४८.२६-२७] । भारतीय युद्ध में, इसने युधिष्ठिर के साथ युद्धभूमि में प्रवेश किया था
[म. उ. १४९.५८] , जहॉं इसने काफी पराक्रम दिखाया
[म. क. ४.८६] । इस युद्ध में यह एवं इसका पुत्र क्रमशः द्रोण एवं कर्ण के द्वारा मरे गयें
[म. द्रो. १६४.८४ क. ४.७४] ।
वसुदान IV. n. पाण्डवों के पक्ष का अन्य एक राजा, जो द्रोण के ही द्वारा मारा गया
[म. द्रो. २०.४३] ।
वसुदान V. n. (सो. कुरु. भविष्य,) एक राजा, जो विष्णु के अनुसार बृहद्रथ राजा का पुत्र था । मत्स्य एवं भागवत में इसे क्रमशः ‘वसुदामन्’ एवं ‘सुदास’ कहा गया है
[मत्स्य. ५०.८५] ।