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روٗروٗ
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रुरुः
Meanings: 3; in Dictionaries: 1
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ਰੁਰੁ
Meanings: 3; in Dictionaries: 1
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રુરુ
Meanings: 4; in Dictionaries: 1
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रुरु
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رورو
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രുരു
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ରୁରୁ ଋଷି
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রুরু রাগ
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রুরু
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ରୁରୁ
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रुरू
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
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രുരു രാഗം
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रुरुरागः
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deer
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बटुकभैरवकवचम् - अस्य श्री बटुकभैरवकवचस्य ...
देवी देवता कवच शारीरिक आणि मानसिक सुरक्षा देते, नकारात्मक शक्ती आणि संकटांपासून वाचवते.
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तृतीयः स्कन्धः - अध्यायः १०
भागवत पुराणात पुढे येणार्या कलियुगात काय घडणार आहे, याबद्दलचे सविस्तर वर्णन केले आहे.
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श्रीबटुकभैरवकवचम् - उक्तं च भैरवतन्त्रे । मह...
देवी देवता कवच शारीरिक आणि मानसिक सुरक्षा देते, नकारात्मक शक्ती आणि संकटांपासून वाचवते.
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तृतीयः स्कन्धः - अथ दशमोऽध्यायः
’ श्रीमद्भागवतमहापुराणम्’ ग्रंथात ज्ञान, वैराग्य व भक्ति यांनी युक्त निवृत्तीमार्ग प्रतिपादन केलेला आहे, अशा या श्रीमद्भागवताचे भक्तिने श्रवण, पठन आणि निदिध्यासन करणारा मनुष्य खात्रीने वैकुंठलोकाला प्राप्त होतो.
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फलदीपिकाः - पंचविंशोऽध्यायः
’फलदीपिका’ ग्रंथावरून ग्रहफल, नक्षत्रफल, राशीफल अचूक सांगता येते.
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द्वारकामाहात्म्यम् - अध्याय १७
भगवान स्कन्द (कार्तिकेय) ने कथन केल्यामुळे ह्या पुराणाचे नाव 'स्कन्दपुराण' आहे.
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योगयात्रा - शकुनाध्याय
योग शास्त्र ऋषी मुनींनी जगाला शिकविले.
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siva
Meanings: 2; in Dictionaries: 2
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मध्यम भागः - अध्यायः ५१
ब्रह्माण्डाच्या उत्पत्तीचे रहस्य या पुराणात वर्णिलेले आहे.
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गायत्रीकवचम् - श्रीदेव्युवाच - भगवन् सर...
देवी देवता कवच शारीरिक आणि मानसिक सुरक्षा देते, नकारात्मक शक्ती आणि संकटांपासून वाचवते.
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कृतयुगसन्तानः - अध्यायः १६६
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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श्री नारदीयमहापुराणम् - पश्वचत्वारिशत्तमोऽध्यायः
`नारदपुराण’ में शिक्षा, कल्प, व्याकरण, ज्योतिष, और छन्द-शास्त्रोंका विशद वर्णन तथा भगवानकी उपासनाका विस्तृत वर्णन है।
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उमासंहिता - अध्यायः ३४
शिव पुराणात भगवान शिवांच्या विविध रूपांचे, अवतारांचे, ज्योतिर्लिंगांचे, शिव भक्तांचे आणि भक्तिचे विस्तृत वर्णन केलेले आहे.
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कृतयुगसन्तानः - अध्यायः ४६
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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हरिवंश पर्व - सप्तमोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
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द्वापरयुगसन्तानः - अध्यायः ७२
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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द्वापरयुगसन्तानः - अध्यायः ९२
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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कृतयुगसन्तानः - अध्यायः २२७
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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सृष्टिखण्डः - अध्यायः ३१
भगवान् नारायणाच्या नाभि-कमलातून, सृष्टि-रचयिता ब्रह्मदेवाने उत्पन्न झाल्यावर सृष्टि-रचना संबंधी ज्ञानाचा विस्तार केला, म्हणून ह्या पुराणास पद्म पुराण म्हणतात.
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कालीतंत्र - गुरु-पूजा विधि
तंत्रशास्त्रातील अतिउच्च तंत्र म्हणून काली तंत्राला अतिशय महत्व आहे.
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दशावतारचरित्रम् - वामनावतारः पञ्चमः
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच, त्यातीलच एक काव्य म्हणजे महाकविश्रीक्षेमेन्द्र रचित दशावतारचरित्रम्.
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सूत्रस्थान - भाग ५
चरक संहिता आयुर्वेदासंबंधी एक प्रसिद्ध ग्रन्थ आहे. हा ग्रंथ संस्कृत भाषेत आहे. या ग्रंथाचे उपदेशक अत्रिपुत्र पुनर्वसु, ग्रंथकर्ता अग्निवेश आणि प्रतिसंस्कारक चरक हे होत. Charaka Sanhita is believed to be the oldest Ayurvedic text on internal medicine.
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