Dictionaries | References

पौष्यंजि

   
Script: Devanagari

पौष्यंजि     

पौष्यंजि n.  एक आचार्य, जो व्यास की सामशिष्य परंपरा के सुकर्मन जैमिनि का शिष्य था । इसे ‘पौर्ष्पिंजि’ एवं ‘पौष्पिंडय’ नामांतर भी प्राप्त हैं । यह सामवेदी श्रुतर्षि था । सुकर्मन् जैमिनि नामक सुविख्यात आचार्य के ‘पौष्यंजि’ एवं ‘हिरण्यनाभ कौसल्य’ ये दोन प्रमुख शिष्य थे । उनमें से पौष्यंजि ने सामवेद की पांचसो संहिताएँ बनायी, एवं वे अपने लौगाक्षि (लोकाक्षि), कुथुमि, कुशुमिन्, एवं लांगलि नामक चार शिष्यों को सिखायीं । आगे चल कर उसी चार शिष्यों से सामवेद की परंपरा का निर्माण हुआ (व्यास देखिये) । इसके निर्माण किये, सामदेवपरंपरा को सामवेद की ‘उदीच्या शाखा’ कहते है । ब्रह्मांड के अनुसार, इसने याज्ञवल्क्य को योगविद्या सिखाई थी ।

Comments | अभिप्राय

Comments written here will be public after appropriate moderation.
Like us on Facebook to send us a private message.
TOP