प्रमति n. विष्णु का एक अवतार, जो चाक्षुष मन्वन्तर के कलियुग नामक अन्तिम युग में चंद्र का पुत्र, हुआ था
[मत्स्य.१४४.६०] ।
प्रमति II. n. प्रयाग के शूर नामक ब्राह्मण का पुत्र, जिसे सेनापति बना कर कृतयुग के अंतिम चरण में ब्राह्मणों ने क्षत्रियों को परास्त किया था
[विष्णुधर्म १.७४] ।
प्रमति III. n. विभीषण के चार अमात्यों में से एक
[वा.रा.यु.३७.७] ।
प्रमति IV. n. च्यवन ऋषि का पुत्र, जिसकी माता का नाम सुकन्या था
[म.आ.५.७] । महाभारत में अन्य स्थान पर, इसे वीतहव्य के पुत्र गृत्समद के कुल में जन्म लेनेवाले वागीन्द्र का पुत्र बताया गया है
[म.अनु.३०.५८-६४] । इसे प्रमिति नामांतर भी प्राप्त हैं
[म.आ.८.२] ;
[म.अनु.३०.६४] । घृताची नामक अप्सरा इसे रुरु नामक पुत्र उत्पन्न हुआ था
[म.आ.५.६-७] । स्थूलकेश मुनि की कन्या प्रमद्वारा से इसने रुरु का विवाह कराया था
[म.आ.८.१२-१३] । आस्तीकपर्व की कथा इसने रुरु को सुनाई थी
[म.आ.५३.४६७] । शरशय्या पर पडे हुए भीष्म के पास आये हुए ऋषियों में यह भी एक था ।
प्रमति V. n. (सू. दिष्ट.) एक राजा, जो वायु के अनुसार जनमेजय का पुत्र था । भागवत के अनुसार, यह ‘प्रजानि’ राजा का ही नामांतर था (प्रजानि देखिये) । विष्णु में, इसे ‘स्वमति’ कहा गया है ।
प्रमति VI. n. अमिताभ देवों में से एक ।