-
विविध मंत्र
विविध समस्यांसाठी मंत्र
Type: PAGE | Rank: 7.31582 | Lang: NA
-
५१ मंत्र जप आणि चिंतनासाठी.
51verses for chanting and contemplation. ५१ मंत्र जप आणि चिंतनासाठी.
Type: PAGE | Rank: 5.421269 | Lang: NA
-
मंत्रप्रकरण - सरस्वती मंत्र
" श्रद्धावान लभते फलं" म्हणजे श्रद्धालु पुरूषालाच मंत्रानुष्ठानाची यथोक्त फलप्राप्ति होते.
Type: PAGE | Rank: 5.186126 | Lang: NA
-
मंत्रप्रकरण - ऋद्धिसिद्धि मंत्र
" श्रद्धावान लभते फलं" म्हणजे श्रद्धालु पुरूषालाच मंत्रानुष्ठानाची यथोक्त फलप्राप्ति होते.
Type: PAGE | Rank: 5.18117 | Lang: NA
-
मंत्रप्रकरण - बगलामुखी मंत्र
" श्रद्धावान लभते फलं" म्हणजे श्रद्धालु पुरूषालाच मंत्रानुष्ठानाची यथोक्त फलप्राप्ति होते.
Type: PAGE | Rank: 5.170494 | Lang: NA
-
मंत्रप्रकरण - कमला-मंत्र
" श्रद्धावान लभते फलं" म्हणजे श्रद्धालु पुरूषालाच मंत्रानुष्ठानाची यथोक्त फलप्राप्ति होते.
Type: PAGE | Rank: 5.165156 | Lang: NA
-
मंत्र
Meanings: 59; in Dictionaries: 6
Type: WORD | Rank: 3.893767 | Lang: NA
-
मंत्रप्रकरण - भुवनेश्वरी मंत्र
" श्रद्धावान लभते फलं" म्हणजे श्रद्धालु पुरूषालाच मंत्रानुष्ठानाची यथोक्त फलप्राप्ति होते.
Type: PAGE | Rank: 3.603267 | Lang: NA
-
मंत्रप्रकरण - तीव्रबुद्धिकरण मंत्र
" श्रद्धावान लभते फलं" म्हणजे श्रद्धालु पुरूषालाच मंत्रानुष्ठानाची यथोक्त फलप्राप्ति होते.
Type: PAGE | Rank: 3.603267 | Lang: NA
-
मंत्रप्रकरण - शारदादेवी मंत्र
" श्रद्धावान लभते फलं" म्हणजे श्रद्धालु पुरूषालाच मंत्रानुष्ठानाची यथोक्त फलप्राप्ति होते.
Type: PAGE | Rank: 3.603267 | Lang: NA
-
मंत्रप्रकरण - मातंगी मंत्र
" श्रद्धावान लभते फलं" म्हणजे श्रद्धालु पुरूषालाच मंत्रानुष्ठानाची यथोक्त फलप्राप्ति होते.
Type: PAGE | Rank: 3.603267 | Lang: NA
-
मंत्रशास्त्र
देवताओं की उपासना करनेवालोंको सारी सिद्धियाँ प्राप्त करनेके लिये मंत्र शास्त्र का उगम हुआ है।
Type: INDEX | Rank: 2.601643 | Lang: NA
-
कालीतंत्र - अन्य मंत्र
तंत्रशास्त्रातील अतिउच्च तंत्र म्हणून काली तंत्राला अतिशय महत्व आहे.
Type: PAGE | Rank: 2.585305 | Lang: NA
-
कालीतंत्र - महाकाली मंत्र वर्णन
तंत्रशास्त्रातील अतिउच्च तंत्र म्हणून काली तंत्राला अतिशय महत्व आहे.
Type: PAGE | Rank: 2.553461 | Lang: NA
-
पंचदशी विद्या - पंचदशी विद्या विचार
गुरूपदिष्ट मार्गाशिवाय मंत्रांचे अनुष्टान करू नये , कारण मंत्रशास्त्र हे अनुभवदर्शी शास्त्र आहे .
Type: PAGE | Rank: 2.473943 | Lang: NA
-
पंचदशी विद्या - पंचदशीयंत्राचा विधि
गुरूपदिष्ट मार्गाशिवाय मंत्रांचे अनुष्टान करू नये , कारण मंत्रशास्त्र हे अनुभवदर्शी शास्त्र आहे .
Type: PAGE | Rank: 2.468964 | Lang: NA
-
प्रारंभिकावस्था - मंत्र विद्या
भगवान शिव ने लंकापती रावण को जो तंत्रज्ञान दिया , उसमेंसे ये साधनाएं शीघ्र सिद्धि प्रदान करने वाली है ।
Type: PAGE | Rank: 2.269251 | Lang: NA
-
कालीतंत्र - गुप्त काली मंत्र
तंत्रशास्त्रातील अतिउच्च तंत्र म्हणून काली तंत्राला अतिशय महत्व आहे.
Type: PAGE | Rank: 2.2305 | Lang: NA
-
कालीतंत्र - भद्रकाली के फलदायी मंत्र
तंत्रशास्त्रातील अतिउच्च तंत्र म्हणून काली तंत्राला अतिशय महत्व आहे.
Type: PAGE | Rank: 2.216264 | Lang: NA
-
कालीतंत्र - काली मंत्र एवं ध्यान
तंत्रशास्त्रातील अतिउच्च तंत्र म्हणून काली तंत्राला अतिशय महत्व आहे.
Type: PAGE | Rank: 2.200249 | Lang: NA
-
कालीतंत्र - महाकाली के ऐश्वर्यदायी मंत्र
तंत्रशास्त्रातील अतिउच्च तंत्र म्हणून काली तंत्राला अतिशय महत्व आहे.
Type: PAGE | Rank: 2.199221 | Lang: NA
-
तंत्र शास्त्र
तन्त्र शास्त्र में अनेकों शक्तियों की उपासना और साधना का रहस्य बतलाया गया है ।
Type: INDEX | Rank: 2.182624 | Lang: NA
-
यक्षिणी साधना - यक्षिणियों के नाम एवं मंत्र
भगवान शिव ने लंकापती रावण को जो तंत्रज्ञान दिया , उसमेंसे ये साधनाएं शीघ्र सिद्धि प्रदान करने वाली है ।
Type: PAGE | Rank: 2.180676 | Lang: NA
-
गारुड़ मंत्र
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 2.059235 | Lang: NA
-
गारुड मंत्र
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 2.041546 | Lang: NA
-
गुरुसंस्था - गुरु व त्यांचे प्रकार
मंत्रशास्त्राकार जगन्नाथपुरीचे ब्रह्मीभूत पूज्य श्रीशंकराचार्य योगेश्वरानंदतीर्थ ह्यांचा हा मंत्रसाठा सिद्ध आहे ,
Type: PAGE | Rank: 1.931099 | Lang: NA
-
शल्य शास्त्र
Meanings: 2; in Dictionaries: 2
Type: WORD | Rank: 1.847419 | Lang: NA
-
श्री सत्य नवनाथ पूजा - मंत्र स्तोत्र
नवनाथ पारायणानंतर नवनाथांची पूजा व पुढे सारांश नवनाथ वाचन केले गेले तर अधिक उत्तम आणि फलदायी होईल.
Type: PAGE | Rank: 1.846332 | Lang: NA
-
मंत्रशास्त्र - पंचदशी विद्या
गुरूपदिष्ट मार्गाशिवाय मंत्रांचे अनुष्टान करू नये , कारण मंत्रशास्त्र हे अनुभवदर्शी शास्त्र आहे .
Type: INDEX | Rank: 1.816564 | Lang: NA
-
मंत्रप्रकरण - अन्नपूर्णामंत्र
" श्रद्धावान लभते फलं" म्हणजे श्रद्धालु पुरूषालाच मंत्रानुष्ठानाची यथोक्त फलप्राप्ति होते.
Type: PAGE | Rank: 1.813199 | Lang: NA
-
गुरुसंस्था - बारा प्रकारचे गुरु
मंत्रशास्त्राकार जगन्नाथपुरीचे ब्रह्मीभूत पूज्य श्रीशंकराचार्य योगेश्वरानंदतीर्थ ह्यांचा हा मंत्रसाठा सिद्ध आहे ,
Type: PAGE | Rank: 1.81138 | Lang: NA
-
गुरुसंस्था - दीक्षा व प्रकार
मंत्रशास्त्राकार जगन्नाथपुरीचे ब्रह्मीभूत पूज्य श्रीशंकराचार्य योगेश्वरानंदतीर्थ ह्यांचा हा मंत्रसाठा सिद्ध आहे ,
Type: PAGE | Rank: 1.803734 | Lang: NA
-
मंत्रप्रकरण - तारामंत्र
" श्रद्धावान लभते फलं" म्हणजे श्रद्धालु पुरूषालाच मंत्रानुष्ठानाची यथोक्त फलप्राप्ति होते.
Type: PAGE | Rank: 1.802082 | Lang: NA
-
णणोकार-मंत्र
Meanings: 3; in Dictionaries: 3
Type: WORD | Rank: 1.713152 | Lang: NA
-
शास्त्र
Meanings: 34; in Dictionaries: 10
Type: WORD | Rank: 1.627224 | Lang: NA
-
तारक मंत्र
Meanings: 3; in Dictionaries: 3
Type: WORD | Rank: 1.455822 | Lang: NA
-
कामाख्या दर्शन - सिद्ध मंत्र
कामाख्या देवी का दूसरा नाम हर गौरी मूर्ती या भोग मूर्ती है ।
Type: PAGE | Rank: 1.267628 | Lang: NA
-
ज्योतिष शास्त्र
सृष्टीचमत्काराची कारणे समजून घेण्याची जिज्ञासा तृप्त करण्यासाठी प्राचीन भारतातील बुद्धिमान ऋषीमुनी, महर्षींनी नानाविध शास्त्रे जगाला उपलब्ध करून दिली आहेत, त्यापैकीच एक ज्योतिषशास्त्र होय.
Type: INDEX | Rank: 1.257724 | Lang: NA
-
ज्योतिष शास्त्र
भारतके महान, बुद्धिमान ऋषीमुनीयोंने, सृष्टीमे जो भी चमत्कार होते है, वह जाननेकी जिज्ञासा तृप्त करनेके लिये, समस्त मानवजातीको नानाविध शास्त्रोंके जन्म दिया, उसीमे से एक है, ज्योतिषशास्त्र ।
Jyotisha or Horoscope is a prediction of someone's future based on the relative positions of the planets
Type: INDEX | Rank: 1.257724 | Lang: NA
-
वैद्यक शास्त्र
भारतीय शास्त्रांमध्ये वैद्यक शास्त्राने फार प्राचीन काळापासून प्रगती केलेली आहे, त्यापैकी चरक आणि सुश्रुत यांनी सर्व जगाला आरोग्यविषयक ज्ञान दिले.
Type: INDEX | Rank: 1.257724 | Lang: NA
-
गुरुसंस्था व परंपरा
मंत्रशास्त्राकार जगन्नाथपुरीचे ब्रह्मीभूत पूज्य श्रीशंकराचार्य योगेश्वरानंदतीर्थ ह्यांचा हा मंत्रसाठा सिद्ध आहे ,
Type: INDEX | Rank: 1.168582 | Lang: NA
-
ज्योतिष शास्त्र
Meanings: 2; in Dictionaries: 2
Type: WORD | Rank: 1.162846 | Lang: NA
-
शास्त्र विरुद्ध
Meanings: 3; in Dictionaries: 2
Type: WORD | Rank: 1.162846 | Lang: NA
-
राजनीति शास्त्र
Meanings: 4; in Dictionaries: 2
Type: WORD | Rank: 1.162367 | Lang: NA
-
मन्त्रमहोदधिः - दशमः तरङ्गः
श्रीमन्महीधर भट्ट ने स्वयं इस ग्रंथ में शान्ति , वश्य , स्तम्भन , विद्वेषण , उच्चाटण और मारण की विधि बताई है ।
Type: PAGE | Rank: 1.151462 | Lang: NA
-
मन्त्रमहोदधिः - षष्ठः तरङ्गः
श्रीमन्महीधर भट्ट ने स्वयं इस ग्रंथ में शान्ति , वश्य , स्तम्भन , विद्वेषण , उच्चाटण और मारण की विधि बताई है ।
Type: PAGE | Rank: 1.151462 | Lang: NA
-
सिद्धपंचरत्न - मंत्रप्रकरण
" श्रद्धावान लभते फलं" म्हणजे श्रद्धालु पुरूषालाच मंत्रानुष्ठानाची यथोक्त फलप्राप्ति होते.
Type: INDEX | Rank: 1.151462 | Lang: NA
-
गुरुसंस्था - शिष्याची पात्रता
मंत्रशास्त्राकार जगन्नाथपुरीचे ब्रह्मीभूत पूज्य श्रीशंकराचार्य योगेश्वरानंदतीर्थ ह्यांचा हा मंत्रसाठा सिद्ध आहे ,
Type: PAGE | Rank: 1.151462 | Lang: NA
-
मन्त्रमहोदधिः - अष्टमः तरङ्गः
श्रीमन्महीधर भट्ट ने स्वयं इस ग्रंथ में शान्ति , वश्य , स्तम्भन , विद्वेषण , उच्चाटण और मारण की विधि बताई है ।
Type: PAGE | Rank: 1.151462 | Lang: NA
-
मन्त्रमहोदधिः - द्वितीयः तरङ्गः
इस ग्रंथमें जितने भी देवताओंके मंत्रप्रयोग बतलाये गए हैं , उन्हें सिद्ध करनेसे उत्तम ज्ञान की प्राप्ति होती है।
Type: PAGE | Rank: 1.151462 | Lang: NA