-
शिव तंत्र - अध्यायों का वर्णन
भगवान शिव ने लंकापती रावण को जो तंत्रज्ञान दिया , उसमेंसे ये साधनाएं शीघ्र सिद्धि प्रदान करने वाली है ।
Type: PAGE | Rank: 6.509188 | Lang: NA
-
शिव तंत्र - शिवा और तंत्र
भगवान शिव ने लंकापती रावण को जो तंत्रज्ञान दिया , उसमेंसे ये साधनाएं शीघ्र सिद्धि प्रदान करने वाली है ।
Type: PAGE | Rank: 6.475318 | Lang: NA
-
शिव तंत्र - रावण शिव संवाद
भगवान शिव ने लंकापती रावण को जो तंत्रज्ञान दिया , उसमेंसे ये साधनाएं शीघ्र सिद्धि प्रदान करने वाली है ।
Type: PAGE | Rank: 6.474927 | Lang: NA
-
तंत्र
Meanings: 18; in Dictionaries: 7
Type: WORD | Rank: 5.399817 | Lang: NA
-
तंत्र शास्त्रः
तन्त्र शास्त्र में अनेकों शक्तियों की उपासना और साधना का रहस्य बतलाया गया है ।
Type: INDEX | Rank: 4.508688 | Lang: NA
-
तंत्र शास्त्र
तन्त्र शास्त्र में अनेकों शक्तियों की उपासना और साधना का रहस्य बतलाया गया है ।
Type: INDEX | Rank: 4.508688 | Lang: NA
-
उड्डीश तंत्र
भगवान शिव ने लंकापती रावण को जो तंत्रज्ञान दिया, उसमेंसे ये साधनाएं शीघ्र सिद्धि प्रदान करने वाली है ।
Type: INDEX | Rank: 4.29095 | Lang: NA
-
उत्तर तंत्र - अष्टम पटल
रूद्रयामल तन्त्रशास्त्र मे आद्य ग्रथ माना जाता है । कुण्डलिणी की सात्त्विक और धार्मिक उपासनाविधि रूद्रयामलतन्त्र नामक ग्रंथमे वर्णित है , जो साधक को दिव्य ज्ञान प्रदान करती है ।
Type: INDEX | Rank: 4.29095 | Lang: NA
-
उत्तर तंत्र - तेइसवाँ पटल
रूद्रयामल तन्त्रशास्त्र मे आद्य ग्रथ माना जाता है । कुण्डलिणी की सात्त्विक और धार्मिक उपासनाविधि रूद्रयामलतन्त्र नामक ग्रंथमे वर्णित है , जो साधक को दिव्य ज्ञान प्रदान करती है ।
Type: INDEX | Rank: 4.29095 | Lang: NA
-
उत्तर तंत्र - इक्कीसवाँ पटल
रूद्रयामल तन्त्रशास्त्र मे आद्य ग्रथ माना जाता है । कुण्डलिणी की सात्त्विक और धार्मिक उपासनाविधि रूद्रयामलतन्त्र नामक ग्रंथमे वर्णित है , जो साधक को दिव्य ज्ञान प्रदान करती है ।
Type: INDEX | Rank: 4.29095 | Lang: NA
-
उत्तर तंत्र - सप्तम पटल
रूद्रयामल तन्त्रशास्त्र मे आद्य ग्रथ माना जाता है । कुण्डलिणी की सात्त्विक और धार्मिक उपासनाविधि रूद्रयामलतन्त्र नामक ग्रंथमे वर्णित है , जो साधक को दिव्य ज्ञान प्रदान करती है ।
Type: INDEX | Rank: 4.29095 | Lang: NA
-
उत्तर तंत्र - पञ्चम पटल
रूद्रयामल तन्त्रशास्त्र मे आद्य ग्रथ माना जाता है । कुण्डलिणी की सात्त्विक और धार्मिक उपासनाविधि रूद्रयामलतन्त्र नामक ग्रंथमे वर्णित है , जो साधक को दिव्य ज्ञान प्रदान करती है ।
Type: INDEX | Rank: 4.29095 | Lang: NA
-
उत्तर तंत्र - पच्चीसवाँ पटल
रूद्रयामल तन्त्रशास्त्र मे आद्य ग्रथ माना जाता है । कुण्डलिणी की सात्त्विक और धार्मिक उपासनाविधि रूद्रयामलतन्त्र नामक ग्रंथमे वर्णित है , जो साधक को दिव्य ज्ञान प्रदान करती है ।
Type: INDEX | Rank: 4.29095 | Lang: NA
-
उड्डीश तंत्र - प्रारंभिकावस्था
भगवान शिव ने लंकापती रावण को जो तंत्रज्ञान दिया , उसमेंसे ये साधनाएं शीघ्र सिद्धि प्रदान करने वाली है ।
Type: INDEX | Rank: 4.29095 | Lang: NA
-
उत्तर तंत्र - चौबीसवाँ पटल
रूद्रयामल तन्त्रशास्त्र मे आद्य ग्रथ माना जाता है । कुण्डलिणी की सात्त्विक और धार्मिक उपासनाविधि रूद्रयामलतन्त्र नामक ग्रंथमे वर्णित है , जो साधक को दिव्य ज्ञान प्रदान करती है ।
Type: INDEX | Rank: 4.29095 | Lang: NA
-
उत्तर तंत्र - बीसवाँ पटल
रूद्रयामल तन्त्रशास्त्र मे आद्य ग्रथ माना जाता है । कुण्डलिणी की सात्त्विक और धार्मिक उपासनाविधि रूद्रयामलतन्त्र नामक ग्रंथमे वर्णित है , जो साधक को दिव्य ज्ञान प्रदान करती है ।
Type: INDEX | Rank: 4.29095 | Lang: NA
-
उत्तर तंत्र - षोडश पटल
रूद्रयामल तन्त्रशास्त्र मे आद्य ग्रथ माना जाता है । कुण्डलिणी की सात्त्विक और धार्मिक उपासनाविधि रूद्रयामलतन्त्र नामक ग्रंथमे वर्णित है , जो साधक को दिव्य ज्ञान प्रदान करती है ।
Type: INDEX | Rank: 4.29095 | Lang: NA
-
उत्तर तंत्र - सत्ताइसवाँ पटल
रूद्रयामल तन्त्रशास्त्र मे आद्य ग्रथ माना जाता है । कुण्डलिणी की सात्त्विक और धार्मिक उपासनाविधि रूद्रयामलतन्त्र नामक ग्रंथमे वर्णित है , जो साधक को दिव्य ज्ञान प्रदान करती है ।
Type: INDEX | Rank: 4.29095 | Lang: NA
-
उत्तर तंत्र - एकादश पटल
रूद्रयामल तन्त्रशास्त्र मे आद्य ग्रथ माना जाता है । कुण्डलिणी की सात्त्विक और धार्मिक उपासनाविधि रूद्रयामलतन्त्र नामक ग्रंथमे वर्णित है , जो साधक को दिव्य ज्ञान प्रदान करती है ।
Type: INDEX | Rank: 4.29095 | Lang: NA
-
उड्डीश तंत्र - नित्यकर्म
भगवान शिव ने लंकापती रावण को जो तंत्रज्ञान दिया , उसमेंसे ये साधनाएं शीघ्र सिद्धि प्रदान करने वाली है ।
Type: INDEX | Rank: 4.29095 | Lang: NA
-
उत्तर तंत्र - दशम पटल
रूद्रयामल तन्त्रशास्त्र मे आद्य ग्रथ माना जाता है । कुण्डलिणी की सात्त्विक और धार्मिक उपासनाविधि रूद्रयामलतन्त्र नामक ग्रंथमे वर्णित है , जो साधक को दिव्य ज्ञान प्रदान करती है ।
Type: INDEX | Rank: 4.29095 | Lang: NA
-
उत्तर तंत्र - चतुर्थ पटल
रूद्रयामल तन्त्रशास्त्र मे आद्य ग्रथ माना जाता है । कुण्डलिणी की सात्त्विक और धार्मिक उपासनाविधि रूद्रयामलतन्त्र नामक ग्रंथमे वर्णित है , जो साधक को दिव्य ज्ञान प्रदान करती है ।
Type: INDEX | Rank: 4.29095 | Lang: NA
-
उत्तर तंत्र - पञ्चदश पटल
रूद्रयामल तन्त्रशास्त्र मे आद्य ग्रथ माना जाता है । कुण्डलिणी की सात्त्विक और धार्मिक उपासनाविधि रूद्रयामलतन्त्र नामक ग्रंथमे वर्णित है , जो साधक को दिव्य ज्ञान प्रदान करती है ।
Type: INDEX | Rank: 4.29095 | Lang: NA
-
उत्तर तंत्र - द्वादश पटल
रूद्रयामल तन्त्रशास्त्र मे आद्य ग्रथ माना जाता है । कुण्डलिणी की सात्त्विक और धार्मिक उपासनाविधि रूद्रयामलतन्त्र नामक ग्रंथमे वर्णित है , जो साधक को दिव्य ज्ञान प्रदान करती है ।
Type: INDEX | Rank: 4.29095 | Lang: NA
-
उत्तर तंत्र - सप्तदश पटल
रूद्रयामल तन्त्रशास्त्र मे आद्य ग्रथ माना जाता है । कुण्डलिणी की सात्त्विक और धार्मिक उपासनाविधि रूद्रयामलतन्त्र नामक ग्रंथमे वर्णित है , जो साधक को दिव्य ज्ञान प्रदान करती है ।
Type: INDEX | Rank: 4.29095 | Lang: NA
-
उत्तर तंत्र - द्वितीय पटल
रूद्रयामल तन्त्रशास्त्र मे आद्य ग्रथ माना जाता है । कुण्डलिणी की सात्त्विक और धार्मिक उपासनाविधि रूद्रयामलतन्त्र नामक ग्रंथमे वर्णित है , जो साधक को दिव्य ज्ञान प्रदान करती है ।
Type: INDEX | Rank: 4.29095 | Lang: NA
-
उत्तर तंत्र - उन्नीसवाँ पटल
रूद्रयामल तन्त्रशास्त्र मे आद्य ग्रथ माना जाता है । कुण्डलिणी की सात्त्विक और धार्मिक उपासनाविधि रूद्रयामलतन्त्र नामक ग्रंथमे वर्णित है , जो साधक को दिव्य ज्ञान प्रदान करती है ।
Type: INDEX | Rank: 4.29095 | Lang: NA
-
उड्डीश तंत्र - शिव तंत्र
भगवान शिव ने लंकापती रावण को जो तंत्रज्ञान दिया , उसमेंसे ये साधनाएं शीघ्र सिद्धि प्रदान करने वाली है ।
Type: INDEX | Rank: 4.29095 | Lang: NA
-
उत्तर तंत्र - षष्ठ पटल
रूद्रयामल तन्त्रशास्त्र मे आद्य ग्रथ माना जाता है । कुण्डलिणी की सात्त्विक और धार्मिक उपासनाविधि रूद्रयामलतन्त्र नामक ग्रंथमे वर्णित है , जो साधक को दिव्य ज्ञान प्रदान करती है ।
Type: INDEX | Rank: 4.29095 | Lang: NA
-
उत्तर तंत्र - नवम पटल
रूद्रयामल तन्त्रशास्त्र मे आद्य ग्रथ माना जाता है । कुण्डलिणी की सात्त्विक और धार्मिक उपासनाविधि रूद्रयामलतन्त्र नामक ग्रंथमे वर्णित है , जो साधक को दिव्य ज्ञान प्रदान करती है ।
Type: INDEX | Rank: 4.29095 | Lang: NA
-
उत्तर तंत्र - चतुर्दश पटल
रूद्रयामल तन्त्रशास्त्र मे आद्य ग्रथ माना जाता है । कुण्डलिणी की सात्त्विक और धार्मिक उपासनाविधि रूद्रयामलतन्त्र नामक ग्रंथमे वर्णित है , जो साधक को दिव्य ज्ञान प्रदान करती है ।
Type: INDEX | Rank: 4.29095 | Lang: NA
-
उत्तर तंत्र - छब्बीसवाँ पटल
रूद्रयामल तन्त्रशास्त्र मे आद्य ग्रथ माना जाता है । कुण्डलिणी की सात्त्विक और धार्मिक उपासनाविधि रूद्रयामलतन्त्र नामक ग्रंथमे वर्णित है , जो साधक को दिव्य ज्ञान प्रदान करती है ।
Type: INDEX | Rank: 4.29095 | Lang: NA
-
उत्तर तंत्र - त्रयोदश पटल
रूद्रयामल तन्त्रशास्त्र मे आद्य ग्रथ माना जाता है । कुण्डलिणी की सात्त्विक और धार्मिक उपासनाविधि रूद्रयामलतन्त्र नामक ग्रंथमे वर्णित है , जो साधक को दिव्य ज्ञान प्रदान करती है ।
Type: INDEX | Rank: 4.29095 | Lang: NA
-
उत्तर तंत्र - बाइसवाँ पटल
रूद्रयामल तन्त्रशास्त्र मे आद्य ग्रथ माना जाता है । कुण्डलिणी की सात्त्विक और धार्मिक उपासनाविधि रूद्रयामलतन्त्र नामक ग्रंथमे वर्णित है , जो साधक को दिव्य ज्ञान प्रदान करती है ।
Type: INDEX | Rank: 4.29095 | Lang: NA
-
उत्तर तंत्र - अष्टादश पटल
रूद्रयामल तन्त्रशास्त्र मे आद्य ग्रथ माना जाता है । कुण्डलिणी की सात्त्विक और धार्मिक उपासनाविधि रूद्रयामलतन्त्र नामक ग्रंथमे वर्णित है , जो साधक को दिव्य ज्ञान प्रदान करती है ।
Type: INDEX | Rank: 4.29095 | Lang: NA
-
उत्तर तंत्र - तृतीय पटल
रूद्रयामल तन्त्रशास्त्र मे आद्य ग्रथ माना जाता है । कुण्डलिणी की सात्त्विक और धार्मिक उपासनाविधि रूद्रयामलतन्त्र नामक ग्रंथमे वर्णित है , जो साधक को दिव्य ज्ञान प्रदान करती है ।
Type: INDEX | Rank: 4.29095 | Lang: NA
-
अधिनायक-तंत्र
Meanings: 2; in Dictionaries: 2
Type: WORD | Rank: 4.16054 | Lang: NA
-
कामाख्या तंत्र
तन्त्र शास्त्र में अनेकों शक्तियों की उपासना और साधना का रहस्य बतलाया गया है ।
Type: INDEX | Rank: 4.073213 | Lang: NA
-
उड्डीश तंत्र - यक्षिणी साधना
भगवान शिव ने लंकापती रावण को जो तंत्रज्ञान दिया , उसमेंसे ये साधनाएं शीघ्र सिद्धि प्रदान करने वाली है ।
Type: INDEX | Rank: 4.073213 | Lang: NA
-
उत्तर तंत्र - प्रथम पटल
रूद्रयामल तन्त्रशास्त्र मे आद्य ग्रथ माना जाता है । कुण्डलिणी की सात्त्विक और धार्मिक उपासनाविधि रूद्रयामलतन्त्र नामक ग्रंथमे वर्णित है, जो साधक को दिव्य ज्ञान प्रदान करती है ।
Type: INDEX | Rank: 4.073213 | Lang: NA
-
शासन तंत्र
Meanings: 3; in Dictionaries: 2
Type: WORD | Rank: 3.977236 | Lang: NA
-
अभिजात तंत्र
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 3.729255 | Lang: NA
-
बालगीत - तंत्र आणि विज्ञान युगातील...
मायभूमी या विषयांवरील कविता मुलांमध्ये निष्ठेचे स्फुलिंग चेतवतात आणि राष्ट्राविषयी आपल्या जबाबदारीची जाणीव करुन देतात.
Type: PAGE | Rank: 2.825458 | Lang: NA
-
स्थालीपाक तंत्र
‘ संस्कार ’ हे केवळ रूढी म्हणून करण्यापेक्षां त्यांचे हेतू जाणून ते व्हावेत अशी अनेकांची इच्छा असते. ज्यावेळीं एखाद्या घरांमध्यें शुभकार्य असते त्यावेळीं या गोष्टी सविस्तर माहीत असल्यास कार्य सुव्यवस्थित पार पडते असा अनुभव आहे.
Type: PAGE | Rank: 2.775955 | Lang: NA
-
कालीतंत्र - पूजन यंत्र
तंत्रशास्त्रातील अतिउच्च तंत्र म्हणून काली तंत्राला अतिशय महत्व आहे.
Type: PAGE | Rank: 2.532789 | Lang: NA
-
कालीतंत्र - कालविनाशिनी काली
तंत्रशास्त्रातील अतिउच्च तंत्र म्हणून काली तंत्राला अतिशय महत्व आहे.
Type: PAGE | Rank: 2.526898 | Lang: NA
-
कालीतंत्र - काली मंत्र एवं ध्यान
तंत्रशास्त्रातील अतिउच्च तंत्र म्हणून काली तंत्राला अतिशय महत्व आहे.
Type: PAGE | Rank: 2.521398 | Lang: NA
-
कालीतंत्र - दक्षिणकालिका कवचम्
तंत्रशास्त्रातील अतिउच्च तंत्र म्हणून काली तंत्राला अतिशय महत्व आहे.
Type: PAGE | Rank: 2.515898 | Lang: NA
-
कालीतंत्र - बलिदान
तंत्रशास्त्रातील अतिउच्च तंत्र म्हणून काली तंत्राला अतिशय महत्व आहे.
Type: PAGE | Rank: 2.513147 | Lang: NA
-
कालीतंत्र - कालिका सहस्त्रनाम स्तोत्रम्
तंत्रशास्त्रातील अतिउच्च तंत्र म्हणून काली तंत्राला अतिशय महत्व आहे.
Type: PAGE | Rank: 2.510397 | Lang: NA