हिंदी सूची|हिंदी साहित्य|अनुवादीत साहित्य|रूद्रयामल| उत्तरतंत्र|द्वितीय पटल| द्वितीय पटल द्वितीय पटल कुलाचारविधिः गुरूस्तोत्र गुरूलक्षण शिष्यलक्षण मन्त्रदीक्षा दीक्षा विधि उत्तर तंत्र - द्वितीय पटल रूद्रयामल तन्त्रशास्त्र मे आद्य ग्रथ माना जाता है । कुण्डलिणी की सात्त्विक और धार्मिक उपासनाविधि रूद्रयामलतन्त्र नामक ग्रंथमे वर्णित है , जो साधक को दिव्य ज्ञान प्रदान करती है । Tags : rudrayamaltantraतंत्र शास्त्ररूद्रयामल द्वितीय पटल - कुलाचारविधिः रूद्रयामल तन्त्रशास्त्र मे आद्य ग्रथ माना जाता है । कुण्डलिणी की सात्त्विक और धार्मिक उपासनाविधि रूद्रयामलतन्त्र नामक ग्रंथमे वर्णित है , जो साधक को दिव्य ज्ञान प्रदान करती है । Tags: रूद्रयामल, तंत्र शास्त्र, rudrayamal, tantra shastra Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: N/A द्वितीय पटल - गुरूस्तोत्र रूद्रयामल तन्त्रशास्त्र मे आद्य ग्रथ माना जाता है । कुण्डलिणी की सात्त्विक और धार्मिक उपासनाविधि रूद्रयामलतन्त्र नामक ग्रंथमे वर्णित है , जो साधक को दिव्य ज्ञान प्रदान करती है । Tags: रूद्रयामल, तंत्र शास्त्र, rudrayamal, tantra shastra Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: N/A द्वितीय पटल - गुरूलक्षण रूद्रयामल तन्त्रशास्त्र मे आद्य ग्रथ माना जाता है । कुण्डलिणी की सात्त्विक और धार्मिक उपासनाविधि रूद्रयामलतन्त्र नामक ग्रंथमे वर्णित है , जो साधक को दिव्य ज्ञान प्रदान करती है । Tags: रूद्रयामल, तंत्र शास्त्र, rudrayamal, tantra shastra Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: N/A द्वितीय पटल - शिष्यलक्षण रूद्रयामल तन्त्रशास्त्र मे आद्य ग्रथ माना जाता है । कुण्डलिणी की सात्त्विक और धार्मिक उपासनाविधि रूद्रयामलतन्त्र नामक ग्रंथमे वर्णित है , जो साधक को दिव्य ज्ञान प्रदान करती है । Tags: रूद्रयामल, तंत्र शास्त्र, rudrayamal, tantra shastra Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: N/A द्वितीय पटल - मन्त्रदीक्षा रूद्रयामल तन्त्रशास्त्र मे आद्य ग्रथ माना जाता है । कुण्डलिणी की सात्त्विक और धार्मिक उपासनाविधि रूद्रयामलतन्त्र नामक ग्रंथमे वर्णित है , जो साधक को दिव्य ज्ञान प्रदान करती है । Tags: रूद्रयामल, तंत्र शास्त्र, rudrayamal, tantra shastra Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: N/A द्वितीय पटल - दीक्षा विधि रूद्रयामल तन्त्रशास्त्र मे आद्य ग्रथ माना जाता है । कुण्डलिणी की सात्त्विक और धार्मिक उपासनाविधि रूद्रयामलतन्त्र नामक ग्रंथमे वर्णित है , जो साधक को दिव्य ज्ञान प्रदान करती है । Tags: रूद्रयामल, तंत्र शास्त्र, rudrayamal, tantra shastra Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: N/A Folder Page Word/Phrase Person References : N/A Last Updated : July 28, 2011 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP