कामाख्या दर्शन - कुमारी पूजन
कामाख्या देवी का दूसरा नाम हर गौरी मूर्ती या भोग मूर्ती है ।
भक्त को देवीजी की अतिशय प्रसन्नता के लिए कुमारी कन्याओं को भोजन अवश्य खिलाना चाहिए । ये कुमारियाँ संख्या ९ में होनी चाहिए । इनमें २ वर्ष से कम तथा १० वर्ष से अधिक की कन्याएँ नहीं होनी चाहिए । इन ९ कुमारी देवियों के नाम मन्त्र क्रमशः ये हैं - १. कुमार्ये नमः, २. त्रिमुर्त्यै नः, ३. कल्याण्यै नमः, ४. रोहिण्यै नमः, ५. कालिकायै नमः, ६. चण्डिकोयै नमः, ७. शाम्भव्यै नमः, ८. दुर्गायै नमः तथा ९. सुभद्रायै नमः । इन कुमारियों में हीनांगी, अधिकांगी, कुरुपा नहीं होनी चाहिए । इनका इन्ही मन्त्रों से पूजन कर भोजन कराए । जब कुमारी देवी भोजन कर लें तो उनसे अपने सिर पर अक्षत छुड़वाए और उन्हें दक्षिणा दें । इस तरह करने पर महामाया भगवती अत्यनत प्रसन्न होकर अपनी सिद्धि देती है और साधक के मनोरथों को पूर्ण कर देती हैं ।
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Last Updated : July 11, 2009
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