आषाढ़ शुक्लपक्ष व्रत - वामनपूजा

व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।


वामनपूजा

( महाभारत ) -

आषाढ़ शुक्ल द्वादशीको वामनजीक यथाविधि पूजन करके व्रत करे तो यज्ञके समान फल होता हैं । विधि यह है कि साक्षात् मूर्ति हो तो उसके समीप बैठकर, नहीं तो सुवर्णकी बनवाकर ताँबेके पात्रमें तुलसीदलपर स्थापन करे और वह भी न बने तो शालिग्रामजीकी मूर्तिका पुरुषसूक्तके मंन्त्रोसे षोडशोपचार पूजन करके व्रत करे ।

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Last Updated : January 16, 2012

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