हिंदी सूची|व्रत|मासिक व्रत परिचय|ज्येष्ठके व्रत|ज्येष्ठ शुक्लपक्ष व्रत| दुर्गन्धि दुर्भाग्यनाशक व्रत ज्येष्ठ शुक्लपक्ष व्रत करवीव्रत रम्भाव्रत दशहरा गङ्गा पूजन निर्जलैकादशीव्रत जलधेनुदान दुर्गन्धि दुर्भाग्यनाशक व्रत बिल्वत्रिरात्रिव्रत ज्येष्ठ शुक्लपक्ष व्रत - दुर्गन्धि दुर्भाग्यनाशक व्रत व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है । Tags : festivaljyeshthamonthvratज्येष्ठमहिनाव्रतसण दुर्गन्धि - दुर्भाग्यनाशक व्रत Translation - भाषांतर दुर्गन्धि - दुर्भाग्यनाशक व्रत ( भविष्योत्तर ) - ज्येष्ठ शुक्ला त्रयोदशीको किसी पवित्र नदीके किनारे जाकर सूर्यनारायणका दर्शन करके स्त्रान करे और उस देशके सफेद आक, लाल कनेर और सपुष्प नीमका गन्ध - पुष्पादिसे पूजन करे । ये तीनों वृक्ष सूर्यनारायणको बहुत प्रिय हैं, अतः इनका पूजन करके व्रत करनेसे सब प्रकारका दुर्भाग्य और दुर्गन्ध सदाके लिये दूर हो जाता है । इत्त्थं योऽर्चयते भक्त्या वर्षे वर्षे पृथड् नरः । द्रुमत्रयं नृपश्रेष्ठ नारी या भक्तिसंयुता । तस्याः शरीरे दुर्गन्धं दौर्भांग्यं च न जायते ॥ ( श्रीकृष्णः ) N/A References : N/A Last Updated : January 20, 2009 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP