कदलीव्रत ( हेमाद्री ) -
यह व्रत विशेषरुपसे गुजरातमें किया जाता है । यह वैशाख, माघ और कार्तिक - किसी भी महीनेमे हो सकता है । इसमें पूर्वाहव्यापिनी चतुर्दशी ली जाती है । उस दिन शुद्ध मृत्तिकाकी वेदीपर स्वस्तिक बनाकर उसपर मूल और पत्तोंसहित सुन्दर केलेका पेड़ स्थापित करे तथा उसे पवित्र जलसे सींचकर गन्ध, पुष्प, धूप दिप और नैवेद्यसे पूजन करे । इस प्रकार जबतक उसके फल न आवें, स्तबक प्रतिदिन करता रहे । यदि किसी देशमें केला न मिले तो सोनेका बनवाकर उसका वर्षभर पूजन करे । उसके बाद उद्यापन करके व्रत समाप्त करे और पूजामें चढ़ायी हुई सामग्री आचार्यको दे ।