हिंदी सूची|व्रत|मासिक व्रत परिचय|वैशाखके व्रत|वैशाख शुक्लपक्ष व्रत| वैशाखशुक्लैकादशी वैशाख शुक्लपक्ष व्रत अक्षयतृत्तीया अक्षयतृतीयाव्रत परशुराम जयन्ती अक्षयतृत्तीया निम्बसप्तमी निम्बसप्तमी कमलसप्तमी शर्करासप्तमी वैशाखी अष्टमी श्रीजानकी नवमी वैशाखशुक्लैकादशी मधुसूदनपूजा कामदेवव्रत पुत्रादिप्रद प्रदोषव्रत नृसिंह जयन्तीव्रत नृसिंह जयन्तीव्रत कदलीव्रत वैशाखी व्रत वैशाख शुक्लपक्ष व्रत - वैशाखशुक्लैकादशी व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है । Tags : festivalmonthvaishakhvratमहिनावैशाखव्रतसण वैशाखशुक्लैकादशी Translation - भाषांतर वैशाखशुक्लैकादशी ( कूर्मपुराण ) - इस व्रतके नियम - विधान और निर्णय कृष्ण एकादशीकी भाँति हैं । इसका नाम मोहिनी है । इससे मोहजाल और पापसमूह दूर होते हैं । भगवान श्रीरामचन्द्रजीने इस व्रतको सीताजीकी खोज करते समय किया था । उनके पीछे कौण्डिन्यके कहनेसे धृष्टबुद्धिने और श्रीकृष्णके कहनेसे युधिष्ठिरादिने किया । इस समय भी सनातनधर्मावलम्बी इस व्रतको बड़ी श्रद्धासे करते है । इसकी एक कथा है, उससे ज्ञात होता है कि मनुष्यका किस प्रकार कुसङ्गसे पतन और सुसङ्गसे सुधार हो जाता है । प्राचीन कालमें सरस्वतीके तटवर्ती भद्रावती नगरीमें द्युतिमान् राजाके १ सुमन, २ सुद्युम्र, ३ मेधावी, ४ कृषाती और ५ धृष्टबुद्धि - ये पाँच पुत्र हुए थे । इनमें धृष्टबुद्धिका वेश्या आदिके कुसङ्गसे पतन हो गया और वह धन - धान्य - सम्मान तथा गृह आदिसे हीन होकर हिंसावृत्तिमें लग गया । इस दुर्गतिसे उसने अनेक अनर्थ किये । अन्तमें कौण्डिन्यने बतलाया कि तुम मोहिनी एकादशीका व्रत करो, उससे तुम्हारा उद्धार होगा । यह सुनकर उसने वैसा ही किया और इस व्रतके प्रभावसे पुर्ववत सुखपूर्वक जीवन व्यतीत कर अन्तमें स्वर्गमें गया । N/A References : N/A Last Updated : January 17, 2009 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP