हिंदी सूची|व्रत|मासिक व्रत परिचय|वैशाखके व्रत|वैशाख शुक्लपक्ष व्रत| परशुराम जयन्ती वैशाख शुक्लपक्ष व्रत अक्षयतृत्तीया अक्षयतृतीयाव्रत परशुराम जयन्ती अक्षयतृत्तीया निम्बसप्तमी निम्बसप्तमी कमलसप्तमी शर्करासप्तमी वैशाखी अष्टमी श्रीजानकी नवमी वैशाखशुक्लैकादशी मधुसूदनपूजा कामदेवव्रत पुत्रादिप्रद प्रदोषव्रत नृसिंह जयन्तीव्रत नृसिंह जयन्तीव्रत कदलीव्रत वैशाखी व्रत वैशाख शुक्लपक्ष व्रत - परशुराम जयन्ती व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है । Tags : festivalmonthvaishakhvratमहिनावैशाखव्रतसण परशुराम - जयन्ती Translation - भाषांतर परशुराम - जयन्ती - परशुरामजीका जन्म वैशाख शुक्ल तृतीयाको रात्रिके प्रथम प्रहरमें हुआ था, अतः यह प्रदोषव्यापिनी ग्राह्य होती है । यदि दो दिन प्रदोषव्यापिनी हो तो दूसरा व्रत करना चाहिये । व्रतके दिन प्रातः-स्त्रानके अनन्तर ' मम ब्रह्मत्वप्राप्तिकामनया परशुरामपूजनमहं करिष्ये ' यह संकल्प करके सूर्यास्ततक मौन रखे और सायंकालमें पुनः स्त्रान करके परशुरामजीका पूजन करे तथा ' जमदग्निसुतो वीर क्षत्रियान्तकर प्रभो । गृहाणार्घ्यं मया दत्तं कृपया परमेश्वर ॥ ' इस मन्त्नसे अर्घ्य देकर रात्रिभर राममन्त्रका जप करे । गौरीपूजा - यह भी वैशाख शुक्ल तृतीयाको ही की जाती है । इस दिन पार्वतीका प्रीतिपुर्वक पूजन करके धातु या मिट्टीके कलशमें जल, फल, पुष्प, गन्ध, तिल और अन्न भरकर ' एष धर्मघटो दत्तो ब्रह्माविष्णु - शिवात्मकः । अस्य प्रदानात्सकला मम सन्तु मनोरथाः ॥ ' यह उच्चारण करके उसे दान करे । N/A References : N/A Last Updated : January 16, 2009 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP