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जय श्रीजमुने कलि -मल हारि...

भजन - जय श्रीजमुने कलि -मल हारि...

हरिभक्त कवियोंकी भक्तिपूर्ण रचनाओंसे जगत्‌को सुख-शांती एवं आनंदकी प्राप्ति होती है।


जय श्रीजमुने कलि-मल हारिनि !

करु करुना प्रीतमकी प्यारी, भँवर तरंग मनोहर धारिनि ॥

पुलिन बेलि कुसुमित सोभित अति, कंजन चंचरीक गुंजारिनि ।

बिहरत जीव जंतु पसु पंछी, स्याम रूप रस-रंग बिहारिनि ॥

जे जन मज्जन करत बिमल जल, तिनको सब सुख मंगलकारिनि ।

जुगलप्रिया हूजै कृपालु अब, दीजै कृष्ण-भक्ति अनपायिनि ॥

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Last Updated : December 25, 2007

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