हिंदी सूची|पूजा एवं विधी|नित्य कर्म पूजा|संध्या-प्रकरण|संध्याका समय| संध्या कालकी व्याख्या संध्याका समय संध्याका समय संध्याकी आवश्यकता संध्या न करनेसे दोष संध्या कालकी व्याख्या संध्यास्तुति संध्याके लिये पात्र आदि संध्योपासन-विधि मार्जन-विनीयोग-मन्त्र संध्याका संकल्प प्राणायामका विनियोग मस्तकपर जल छिडकनेके विनियोग और मन्त्र अघमर्षण और आचमनके विनियोग और मन्त्र सूर्यार्घ्य-विधि सूर्योपस्थानके मन्त्र संध्या कालकी व्याख्या प्रस्तुत पूजा प्रकरणात भिन्न भिन्न देवी-देवतांचे पूजन, योग्य निषिद्ध फूल यांचे शास्त्र शुद्ध विवेचन आहे. Tags : devatadevipoojaदेवतादेवीपूजा संध्या कालकी व्याख्या Translation - भाषांतर संध्या कालकी व्याख्यासूर्य और तारोंसे रहित दिन-रातकी संधिको तत्वदर्शी मुनियोंने संध्याकाल माना है-अहोरात्रस्य या संधिः: सूर्यनक्षत्रवर्जिता।सा तु संध्या समाख्याता मुनिभिस्तत्त्वदर्शिभि:॥ N/A References : N/A Last Updated : November 26, 2018 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP