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सरस्वती ( बही खाता ) पूजनम्

पूजा विधी - सरस्वती ( बही खाता ) पूजनम्

जो मनुष्य प्राणी श्रद्धा भक्तिसे जीवनके अंतपर्यंत प्रतिदिन स्नान , पूजा , संध्या , देवपूजन आदि नित्यकर्म करता है वह निःसंदेह स्वर्गलोक प्राप्त करता है ।


सरस्वती ( बही - खाता ) पूजनम्

ध्यान

शुक्लां ब्रह्मविचारसारपरमामाद्यां जगद्‌व्यापिनीं

वीणापुस्तकधारिणीमभयदां जाडयान्धकारापहाम् ।

हस्ते स्फाटिकमालिकां विदधतीं पधासने संस्थितां

वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम् ॥

ॐ सरस्वत्यै नम :, सर्वोपचारार्थे गन्धाक्षतपुष्पाणि समर्पयामि , नमस्करोमि ।

प्रार्थना

या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता

या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना ।

या ब्रह्माच्युतशङ्करप्रभृतिभिर्देवै : सदा वन्दिता ।

सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाडयापहा ॥

" कृतेन अनेन पूजनेन महासरस्वती देवी प्रीयताम् न मम "

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Last Updated : May 24, 2018

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