संस्कृत सूची|संस्कृत साहित्य|पुस्तकं|अमरकोषः|तृतीयं सामान्यकाण्डम्| श्लोक १०१२ ते १०१५ तृतीयं सामान्यकाण्डम् श्लोक १ ते ४० श्लोक ४१ ते ८० श्लोक ८१ ते १०३ श्लोक १०४ ते १४० श्लोक १४१ ते १८० श्लोक १८१ ते २२८ श्लोक २२९ ते २७० श्लोक २७१ ते ३१३ श्लोक ३१४ ते ३५९ श्लोक ३६० ते ३९७ श्लोक ३९८ ते ४३३ श्लोक ४३४ ते ४५९ श्लोक ४६० ते ५२६ श्लोक ५२७ ते ५६३ श्लोक ५६४ ते ६११ श्लोक ६१२ ते ६५१ श्लोक ६५२ ते ६८३ श्लोक ६८४ ते ७५० श्लोक ७५१ ते ७८१ श्लोक ७८२ ते ८०९ श्लोक ८१० ते ८४८ श्लोक ८४९ ते ८९१ श्लोक ८९२ ते ९३९ श्लोक ९४० ते ९५९ श्लोक ९६० ते ९८१ श्लोक ९८२ ते १००२ श्लोक १००३ ते १०११ श्लोक १०१२ ते १०१५ श्लोक १०१६ ते १०३२ स्त्रीपुंसशेषसंग्रहः - श्लोक १०१२ ते १०१५ अमरकोश में संज्ञा और उसके लिंगभेद का अनुशासन या शिक्षा है। अन्य संस्कृत कोशों की भांति अमरकोश भी छंदोबद्ध रचना है। Tags : amarkoshaamarsinghअमरकोषअमरसिंह श्लोक १०१२ ते १०१५ Translation - भाषांतर १०१२) स्त्रीपुंसयोरपत्याऽन्ता द्विचतुष्षट्पदोरगाः १०१३) जातिभेदाः पुमाख्याश्च स्त्रीयोगैः सह मल्लकः १०१४) ऊर्मिर्वराटकः स्वातिर्वर्णको झाटलिर्मनुः १०१५) मूषा सृपाटी कर्कन्धूर्यष्टिः शाटी कटी कुटी इति स्त्रीपुंसशेषसंग्रहः N/A References : N/A Last Updated : March 30, 2010 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP