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सर्वकर्मन्

   
Script: Devanagari

सर्वकर्मन्     

सर्वकर्मन् n.  (सू. इ.) एक राजा, जो मत्स्य के अनुसार सौदास कल्माषपाद राजा का पुत्र था [मत्स्य. १२.४६] । अन्य पुराणों में इसे ऋतुपर्ण राजा का पुत्र कहा गया है, एवं इसे नल राजा का मित्र बताया गया है । परशुराम के द्वारा किये गये क्षत्रियसंहार के समय पराशर ऋषि के द्वारा इसका रक्षण हुआ था । अपने इस वनवासकाल में अपना क्षत्रियधर्म छोड़ कर इसने शूद्र के समान आचरण किया, जिस कारण इसे ‘सर्वकर्मन्’ नाम प्राप्त हुआ [म. शां. ४९.६९] । इसे ‘सर्वकामन्’ नामान्तर भी प्राप्त था । परशुराम का क्षत्रियसंहार समाप्त होने पर, पृथ्वी की पुनर्व्यवस्था करनेवाले कश्यप ऋषि को इसके जीवित होने की वार्ता स्वयं पृथ्वी ने बतायी थी [म. शां. ४९.६९.७८]

सर्वकर्मन्     

A Sanskrit English Dictionary | Sanskrit  English
सर्व—कर्मन्  mfn. n.pl. all kinds of works or rites or occupations (°म-सहmfn. ‘equal to all of ’; °म-कारिन्mfn. ‘performing all of ’), [ŚrS.] ; [Mn.] &c.
ROOTS:
सर्व कर्मन्
सर्व—कर्मन्  mfn. mfn. containing all works, [ChUp.]
ROOTS:
सर्व कर्मन्
सर्व—कर्मन्  m. m. one who performs all acts, [MW.]
ROOTS:
सर्व कर्मन्
N. of शिव, ib.
of a son of कल्माष-पाद, [MBh.] ; [Hariv.]

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