श्रुतायु n. (सू. इ.) एक इक्ष्वाकुवंशीय राजा, जो मत्स्य के अनुसार भानुश्र्चंद्र राजा का पुत्र था । भारतीय युद्ध में यह मारा गया
[मत्स्य. १२.५५] ।
श्रुतायु II. n. (सो. पुरूरवस्) एक राजा, जो भागवत एवं विष्णु के अनुसार पुरूरवस् एवं उर्वशी के पुत्रों में से एक था । इसके पुत्र का नाम वसुमत् था ।
श्रुतायु III. n. (सो. कुरु.) धृतराष्ट्र के शतपुत्रों में से एक, जो भारतीय युद्ध में भीमसेन के द्वारा मारा गया था
[म. क. ३५.३७.११] ।
श्रुतायु IV. n. अंबष्ठ देश का एक राजा, जो क्रोधवश नामक दैत्य के अंश से उत्पन्न हुआ था
[म. आ. ६१.५९] । द्रौपदी के स्वयंवर में, एवं युधिष्ठिर के राजसूय यज्ञ में यह उपस्थित था
[म. आ. १७७.१९] ;
[स. ४.२४] । भारतीय युद्ध में यह कौरव पक्ष में शामिल था एवं इसका निम्नलिखित योद्धाओं से युद्ध हुआ थाः-- १. अर्जुनपुत्र इरावत्
[म. भी. ४३.६८] ; २. युधिष्ठिर
[म. भी. ४३.६६] । भीष्म के द्वारा निर्माण किये गये कौंचव्यूव्ह के जघनभाग में खड़ा था
[म. भी. ७१.२२] । अन्त में अर्जुन ने इसका वध किया
[म. द्रो. ६८.६४] ।
श्रुतायु V. n. कलिंग देश का एक क्षत्रिय राजा, जिसके भाई का नाम अयुतायु था
[म. क. ५०-५२] । भारतीय युद्ध में यह कौरवपक्ष में शामिल था, एवं भीम के साथ इसका युद्ध हुआ था
[म. भी. ५०.६] । अपने भाई अयुतायु के साथ, यह कौरवसेना के दक्षिण भाग का संरक्षण करता था
[म. भी. ४७.१८] । अन्त में ये दोनों भाई अर्जुन के द्वारा मारे गये
[म. द्रो. ६८.७-२५] । इसके दीर्घायु एवं नियतायु नामक दो पुत्र थे । अपने पिता की मृत्यु का बदला लेने के लिए, उन्होनें अर्जुन पर आक्रमण किया था, किन्तु अर्जुन ने उन दोनों का भी वध किया
[म. द्रो. ६८. २७.२९] ।
श्रुतायु VI. n. (सू. निमि.) विदेह देश का एक राजा, जो भागवत एवं विष्णु के अनुसार अरिष्टनेमि राजा का पुत्र, एवं सुपार्श्र्वक राजा का पिता था
[भा. ९.१३.२३] ;
[विष्णु. ४.५.३१] ।