श्रुतदेव n. एक विरागी कृष्णभक्त ब्राह्मण, जो बहुलाश्र्व जनक के काल में मिथिला नगरी में रहता था । एक बार कृष्ण जब मिथिला नगरी में आया था, उस समय बहुलाश्र्व राजा ने, एवं इस ब्राह्मण ने एक साथ ही उसे अपने घर बुला लिया । उस समय इन दोनों की भक्तिभावना एक समान ही उत्कट देख कर, कृष्ण ने दो रूप धारण किये, एवं एक समय ही वह इन दोनों के घर जा पहुँचे। पश्चात् उसने इन दोनों को उपदेश प्रदान किया
[भा. १०.८६] ।
श्रुतदेव II. n. कृष्ण के महारथी पुत्रों में से एक
[भा. १०.९०.३३] ।
श्रुतदेव III. n. एक यादव, जो कृष्ण का अनुयायी था
[भा. १.१४.३२] ।
श्रुतदेव IV. n. विष्णु का एक पार्षद, जिसने बलि वैरोचन के असुर अनुगामियों पर हमला किया था
[भा. ८.२१.१७] ।