शांता n. ऋश्यशृंग ऋषि की पत्नी, जो वाल्मीकि रामायण एवं वायु के अनुसार रोमपाद राजा की गोद में ली कन्या थी । रोमपाद राजा को ‘चित्ररथ’, ‘अंगराज’, ‘लोमपाद’ आदि नामांतर भी प्राप्त थे । मत्स्य एवं महाभारत में भी, इसे दशरथ राजा की कन्या कहा गया है
[मत्स्य. ४८.९५] । रोमपाद राजा दशरथ राजा का परम स्नेही था, एवं निपुत्रिक था, जिस कारण दशरथ ने अपनी इस कन्या को रोमपाद राजा को गो में दे दी
[भा. ९.२३.७-१०] । हरिवंश में लोमपाद को दशरथ का ही नामांतर बताया गया है, किंतु वह सही प्रतीत नहीं होता है
[ह. वं. १.३१.४६] । आगे चल कर रोमपाद राजा ने इसका विवाह ऋश्यशृंग ऋषि से कराया (ऋ.श्यशृंग एवं रोमपाद १. देखिये) ।
शांता II. n. भारद्वाज ऋषि की माता
[वायु. १११.६०] ।