Dictionaries | References

वैखानस

   { vaikhānasa }
Script: Devanagari

वैखानस     

Puranic Encyclopaedia  | English  English
VAIKHĀNASA   A philosopher. He had written a book known as ‘Vaikhānasadharmapraśna’. Matters concerning the duties of a forest-house-holder, occupation suitable for children born of wedlocks which are in accordance with natural law as well as contrary to the natural order, etc. are dealt with in detail, in this book. A large number of quotations from Vaikhānasadharmapraśna occur in [Manusmṛti] .

वैखानस     

वैखानस n.  एक ऋषिविशेष, जो ‘व्यपोहिनी’ नामक यज्ञसंस्कार की दीक्षा ले कर उत्पन्न हुए थे । पुराणों में निम्नलिखित ऋषियों का निर्देश ‘वैखानस संप्रदायी’ ऋषि के नाते प्राप्त हैः-- १. नहुषपुत्र पृथु [मत्स्य. २४.५१] , २. अगत्स्य, [मत्स्य. ६१.६७] ; ३. ययातिभ्राता यति [ब्रह्मांड. ३.६८.१४] ;[ब्रह्म. १२.३] ;[ह. वं. १.३०.३] ;[मत्स्य. २४.५१]
वैखानस II. n.  एक वैदिक ऋषिसमुदाय, जिसमें सौ ऋषि समाविष्ट थे [ऋ. ९.६६] । ये ब्रह्मा के नाखून से उत्पन्न हुए थे [तै. आं. १.२३] । पंचविंश ब्राह्मण के अनुसार रहस्य देवमलिम्लुच ने मुनिमरण नामक स्थान में इनका वध किया था [प. ब्रा. १४.४.७] ;[तै. आ. १.२३.३] । इस ऋषिसमूह में पुरूहन्मन् नामक ऋषि समाविष्ट था [तै. आ. १४.९.२९]
वैखानस III. n.  एक धर्मशास्त्रकार, जिसका धर्मशास्त्रविषयक ग्रंथ ‘वैखानस धर्मप्रश्र्न’ नाम से सुविख्यात है । यह ग्रंथ कृष्ण यजुर्वेदान्तर्गत धर्मसूत्र ग्रंथ माना जाता है, एवं अनंतशयनग्रंथावलि में मुद्रित किया गया है [क्र. २८] ; इ. स. १९१३ ।
वैखानस III. n.  इस ग्रंथ में वानप्रस्थाश्रम ग्रहण करने का धार्मिक विधि विस्तारपूर्वक दिया गया है, एवं वानप्रस्थियों के लिए सुयोग्य आचार भी बताये गये है । इस ग्रंथ में अनुलोम एवं प्रतिलोम विवाह से उत्पन्न संतानों के लिए सुयोग्य व्यवसाय भी बताये गये है । इसके साथ ही साथ निम्नलिखित विषयों की चर्चा भी इस ग्रंथ में प्राप्त हैः-- चार वर्ण एवं चार आश्रम के लोगों के कर्तव्य; संध्या, वैश्र्वदेव, स्नान, आचमन आदि के धार्मिक विधि, चार वर्णों के लोगों के लिए सुयोग्य व्यवसाय, आदि। ‘वैखानस धर्मप्रश्र्न’ के अनेक उद्धरण मनुस्मृति में प्राप्त हैं [मनु. ६.२१] । इसके अतिरिक्त इसके नाम पर ‘वैखानस श्रौतसूत्र’ नामक ग्रंथ भी उपलब्ध है ।
वैखानस IV. n.  चंपक नगरी एक राजा, जिसने मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी के व्रत का पुण्य अपने पितरों को दे कर उनका उद्धार किया [पद्म. उ. ३९]

वैखानस     

A Sanskrit English Dictionary | Sanskrit  English
वैखानस  m. m. (fr.वि-खानस) a Brāhman in the third stage of his life, anchorite, hermit (= वानप्रस्थq.v.), [Kāv.] ; [Gaut.] ; [BhP.]
a patr. of वम्र, [RAnukr.]
of पुरु-हन्मन्, [PañcavBr.]
N. of partic. stars, [VarBṛS.]
of a sect of वैष्णवs, [W.] ; [Cat.]
वैखानस  n. mf()n. relating or belonging to वैखानसs or anchorites (with तन्त्रn. the तन्त्र of the sect called वैखानस, [BhP.] ), [TS.] ; [PañcavBr.] ; [Lāṭy.] &c.
वैखानस  n. n.N. of a सामन्, [ĀrṣBr.]

वैखानस     

वैखानस [vaikhānasa] a.  a. (-सी f.) Relating to a hermit, ascetic, monastic; वैखानसं किमनया व्रतमा प्रदानाद् व्यापाररोधि मदनस्य निषेवितव्यम् [Ś.1.26.]
-सः   An anchorite, a hermit (वान- प्रस्थ); a Brāhmaṇa in the third order of his religious life; संबद्धवैखानसकन्यकानि (तपोवनानि) [R.14.28;] वैखानसेभ्यः श्रुतरामवार्ताः [Bk.3.46;] [Ms.6.21;] [Mb.3.114.15.]
A hermit born from the nails and hair of the god Brahman; [Rām.3.6.2.] (com. प्रजापतेर्नखलोमजाः वैखानसाः).

वैखानस     

Shabda-Sagara | Sanskrit  English
वैखानस  m.  (-सः) A man of the third religious order, a hermit, an anchoret.
 f.  (-सी) A vessel used for frying meal to be offered in sacrifice.
 f.  (-सी) Relating to hermits.
E. वि before खन् to dig, ड-अन् असुन् कर्म० स्वार्थे अण्, subsisting on roots, &c.
ROOTS:
वि खन् ड-अन् असुन् कर्म० स्वार्थे अण्

Comments | अभिप्राय

Comments written here will be public after appropriate moderation.
Like us on Facebook to send us a private message.
TOP