Dictionaries | References

लंगडी गाय गांवकुशीं चरेना

   
Script: Devanagari

लंगडी गाय गांवकुशीं चरेना

   जनावर लंगडें आहे पण गांवाशेजारीं कांहीं चरणार नाहीं
   त्याला गांवापासून दूर जाण्याची इच्छा फार. शक्तीपेक्षां इच्छा, आकांक्षा अधिक.

Related Words

लंगडी गाय गांवकुशीं चरेना   लंगडी   गाय   दुदाळ गाय   दुधारू गाय   दुभती गाय   अंधळ्या गायींत लंगडी गाय प्रधान   वियेल्ली गाय   तानी गाय   पाडी (गाय)   कलोर गाय   वासरांत लंगडी गाय प्रधान   वासरांत लंगडी गाय शहाणी   मोसौ गाय   milch cow   स्त्रीगवी   गाय बकुला   गाय बगला   गाय मोसौ   दुधड गाय   दुधार गाय   दुधाळू गाय   दुधैल गाय   तान्ही गाय   गोवर्धनी गाय   कपिला गाय   पांढरी गाय   गाय होणें   तांबडी गाय   धर्माची गाय   नील गाय   अल्लाची गाय   गाय बगुला   भुंडी गाय   गाई   कसाबास गाय धरजिणी   अडली गाय फटके खाय   गाय माय सारखी   लवाई   शेंला शेळी, हजारास गाय   जेथे गाय तेथे वासरूं   धर्माची गाय, तोंडाकडे पाहाय   मेरी गाय बह्मनको दान   कसायाला गाय धारजिणी   बावरली गाय, कांटे खाय   म्हातारी गाय ब्राह्मणाला दान   milcher   milk cow   milker   dairy cattle   dairy cow   अडकली गाय, फटके खाय   मरी गाय बम्हनको दान   खाटकाला शेळी (गाय) धारजिणी   এক পায়ে ধরাধরি   धर्माची गाय, कांट्या खाय   ଅରୁଣା   अरुणी   moo-cow   गरीबाची गाय आणि तोंडाकडे पाह्य   धर्माची गाय, कांटे (कांटया) खाय   गाय अपवित्र आणि शेपूट पवित्र   जेथें गाय व्याली, तेथेंच खूर खांडावे   नीलगाय   ଲଙ୍ଗଡ଼ି   ਲੰਗੜੀ   സംഭോഗൻ   لنگڑی   لٔنٛگڑی   দুধেল গাভী   ਦੁੱਧਲ ਗਾਂ   ଦୁଧିଆଳୀ ଗାଈ   દુધારી ગાય   गाय माय, तिची सेवा करीत जाय   गाय तर विकावयास पाही, दुधावांचून सरत नाहीं   आपली गाय, दुसर्‍याचे (परायाचे) वेल खाय   लंगडी ती लंगडी पण गांवखरीं चरत नाहीं   लंगडी ती लंगडी पण गांवदरीला चरत नाहीं   लंगडी ती लंगडी पण गांवधारिनें चरत नाहीं   लंगडी ती लंगडी पण गांवाशेजारीं चरत नाहीं   गाय तेथे गोठा, बाप तेथे बेटा   खाटकाला शेळी धार्जिण, कसायाला गाय धार्जिण   सर्व गाय अपवित्र पण शेपूट मात्र पवित्र   गाय मारकी असती, तिची शिंगे लाब नसती   લંગડી   اَرُونا   অরুণা   लंगडच्या लंगडं अन् गांवखोरी पण चरेना   লেঙ্গড়ি ছোঁয়াছুই খেলা   ଏକଗୋଡ଼ିଆ ଖେଳ   ਇਕ ਟੰਗੀ   തൊങ്കി കളി   लंगड़ी   गाय गायत्री, म्‍हैस सावित्री, बैल नन्दी, रेडा पापी   एकानें गाय मारली म्हणून दुसर्‍यानें वासरूं मारूं नये   गाय आपल्‍या पोटाकरितां चारा खाते, धन्याच्या दुधाकरितां नाही खात   कपिला   कुरेभा गाय   कृष्णाची गाय   घोंची गाय   
Folder  Page  Word/Phrase  Person

Comments | अभिप्राय

Comments written here will be public after appropriate moderation.
Like us on Facebook to send us a private message.
TOP