मित्रविंदा n. अवंतीनरेश जयसेन राजा की कन्या, जो श्रीकृष्ण की आठ पटरानियों में से एक थी । इसकी माता का नाम राजाधिदेवी था, जो श्रीकृष्ण की फूफा थी । इसे विन्द एवं अनुविंद नामक दो भाई थे । इसके स्वयंवर के समय, श्रीकृष्ण ने इसका हरण किया । श्रीकृष्ण से इसे निम्नलिखित दस पुत्र उत्पन्न हुयें थे- वृक, हर्श, अनिल, गृध्र,व र्धन, उन्नाद, महाश, पावन, वह्रि एवं क्षुधि
[भा.१०.५८. ३०-३१, ६१.१६] । द्वारका में इसका महल वैदूर्य मणि के समान कान्तिमानू, एवं हरे रंग का था । देवगण भी उसकी सराहना करते थे
[म.स.परि.१.२१.१२६०] ।