अपने नगरके बात मैं जिनकूं पुछूं । उनमें उत्तर न दिनो ।
सबई बनाये लोकरे ॥ध्रु०॥
बादली हमारी मैया दरिया हमारो दादा ।
बिजली हमारी ननदिया मेघ हमारा भरथरा ॥१॥
पवनकी हमारी ओढणी चंदनकी हमारी चोली ।
रेनकी अंधेरी नयनकूं काजल सुन्नेकी केस हमारी पोली ॥२॥
कहत कबीरा सुन भाई साधु मैं लेऊंगी जोबनकी भेकरे ।
जिनकूं पुछे उननें उत्तर न दिनो सबइ बताय लोकरे ॥३॥