हिंदी सूची|व्रत|संक्रान्ति व्रत| रुपसंक्रान्तिव्रत संक्रान्ति व्रत संक्रान्ति बहुसम्मत संक्रान्तिव्रत वङ्गऋषिसम्मत संक्रमणव्रत महाजया संक्रान्तिव्रत धनसंक्रान्तिव्रत धान्यसंक्रान्तिव्रत भोगसंक्रान्तिव्रत रुपसंक्रान्तिव्रत तेजःसंक्रान्तिव्रत आयुःसंक्रान्तिव्रत मेषादिगत सूर्यव्रत संक्रान्तिव्रत - रुपसंक्रान्तिव्रत व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है । Tags : festivalsankrantivratमहिनाव्रतसंक्रान्तिसण रुपसंक्रान्तिव्रत Translation - भाषांतर रुपसंक्रान्तिव्रत ( मत्स्यपुराण ) - संक्रान्तिके समय तैलमर्दनके अनन्तर शुद्ध स्त्रान करके सोने, चाँदी, ताँबे या पलाशके पात्रमें घी और सोना रखकर उसमें अपने शरीरका छायावलोकन करे और ब्राह्मणको देकर व्रत करे तो रुप बढ़ता है । N/A References : N/A Last Updated : January 02, 2002 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP