हिंदी सूची|व्रत|संक्रान्ति व्रत| धान्यसंक्रान्तिव्रत संक्रान्ति व्रत संक्रान्ति बहुसम्मत संक्रान्तिव्रत वङ्गऋषिसम्मत संक्रमणव्रत महाजया संक्रान्तिव्रत धनसंक्रान्तिव्रत धान्यसंक्रान्तिव्रत भोगसंक्रान्तिव्रत रुपसंक्रान्तिव्रत तेजःसंक्रान्तिव्रत आयुःसंक्रान्तिव्रत मेषादिगत सूर्यव्रत संक्रान्तिव्रत - धान्यसंक्रान्तिव्रत व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है । Tags : festivalsankrantivratमहिनाव्रतसंक्रान्तिसण धान्यसंक्रान्तिव्रत Translation - भाषांतर धान्यसंक्रान्तिव्रत ( स्कन्दपुराण ) - मेषार्कके समय स्त्रान करके सूर्यका ध्यान करे और ' करिष्यामि व्रतं देव त्वद्भक्तस्त्वत्परायणः । तदा विघ्रं न मे यातु तव देव प्रसादतः ॥' से संकल्प करके व्रत करे । तत्पश्चात् अष्टदलपर पूर्वमें भास्कर, अग्निकोणमें रवि, दक्षिणमें विवस्वान्, नैऋत्यमें पूषा, पश्चिममें वरुण, वायव्यमें दिवाकर, उत्तरमें मार्तण्ड, ईशानमें भानु और मध्यमें विश्वात्माका नाम - मन्त्नोसे पूजन करके व्रत करे और इस प्रकार बारह महीने करनेके बाद पूजनसामग्री और १६ सेर अन्न सत्पात्रको दे तो धान्यकी वृद्धि होती है । N/A References : N/A Last Updated : January 02, 2002 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP