सुखचतुर्थी
( भविष्यपुराण ) - सुमन्तुरुके
' चतुर्थी तु चतुर्थी तु यदाङ्गारकसंयुता । चतुर्थ्यां तु चतुर्थ्यां तु विधानं श्रृणु यादृशम् ॥'
के अनुसार माघ शुक्ल चतुर्थीको यदि मंगलवार हो तो लाल वर्णके गन्ध, अक्षत और पुष्प, नैवेद्यसे गणेशजीका पूजन करके उपवास करे । इस प्रकार चतुर्थ - चतुर्थ ( चौथी, चौथी ) चतुर्थी ( माघ, वैशाख, भाद्रपद और पौष ) का एक वर्ष व्रत करे तो सब प्रकारके सुख प्राप्त होते हैं । प्रत्येक चतुर्थीको भौमवार होना आवश्यक है ।