|
व्रश्च् (cf. √ वृक्) cl. 6. P. ([Dhātup. xxviii, 11] ) वृश्च॑ति (pr. p. वृक्णन् [?] [BhP.] ; pf. वव्रश्च, °चिथGr. ; aor. अव्रश्चीत्, अव्राक्षीत्, ib.; वृक्षि, [Br.] ; fut. व्रश्चिता, व्रष्टाGr. ; व्रश्चिष्यति, व्रक्ष्यति, ib.; ind.p. व्रश्चित्वा, ib.; वृष्ट्वा॑, [AV.] ; वृक्त्वी॑, [RV.] ; -व्र॑श्चम्, -वृत्च्य, [Br.] &c.), to cut down or off or asunder, cleave, hew, fell (a tree), [RV.] &c. &c.: Pass. वृश्च्य॑ते (in, [AV.] also वृश्च॑ते), to be cut down or off &c.: Caus. व्रश्चयति (aor. अवव्रश्चत्) Gr. : Desid. विव्रश्चिषति, विव्रक्षति, ib. : Intens. वरीवृश्च्यते, वरीवृत्चीति, ib.
|