सुचंद्र n. एक देवगंधर्व जो, कश्यप एवं प्राधा के पुत्रों में से एक था
[म. आ. ६९.४६] ।
सुचंद्र II. n. एक सैंहिकेय असुर, जो कश्यप एवं सिंहिका के पुत्रों में से एक था
[म. आ. ५९.३०] ।
सुचंद्र III. n. (सू. दिष्ट.) एक राजा, जो ब्रह्मांड के अनुसार हेमचंद्र राजा का पुत्र था
[ब्रह्मांड. ३.६१.१३] । इसे काली देवी की कृपा से एक कवच प्राप्त हुआ था, जिस कारण यह युद्ध में अजेय हुआ था । कार्तवीय एवं परशुराम के बीच हुए युद्ध में यह कार्तवीर्य के पक्ष में शामिल था
[ब्रह्मांड. ३.३९.१८-५३] । उस समय इसके रथ में स्वयं कालीदेवी अवतीर्ण हुई, जिसने परशुराम के द्वारा फेंके गये हर एक शस्त्रअस्त्र को भक्ष्य करना प्रारंभ किया । इस कारण भयभीत हो कर परशुराम ने इसे अपना ‘कालीकवच’ उतार कर देने की प्रार्थना की। इस पर इस उदारचरित राजा ने अपना कवच उतार कर परशुराम को दे दिया । कवच प्राप्त होते ही परशुराम ने इसका वध किया ।
सुचंद्र IV. n. एक यक्ष, जो मणिवर एवं देवजनी के पुत्रों में से एक था
[ब्रह्मांड. ३.७.१२९] ।
सुचंद्र V. n. अंधकवंशीय राजा, जो सूर्यग्रहण के समय ‘स्यमंतपंचक’ क्षेत्र में तीर्थयात्रा के लिए गया था ।