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राधा

   { rādhā }
Script: Devanagari
See also:  नाचविणें , राधेचा खेळ

राधा

Puranic Encyclopaedia  | English  English |   | 
<span class="kMeaningPrefix">RĀDHĀ I   <span class="kMeaningText">Śrī Kṛṣṇa's dearest consort. Rādhā is considered to be one of the two forms of Lakṣmīdevī. When Kṛṣṇa lived in Gokula as a man with two hands Rādhā was his dearest consort. But when he lives in Vaikuṇṭha as four-handed Viṣṇu, Lakṣmī is his dearest consort. [Devī Bhāgavata 9, 1] ;[Brahmavaivarta Purāṇa, 2, 49] ;[56-57 and Ādi Parva Chapter 11] . different versions about the birth of Rādhā are given in the Purāṇas, as follows:--
(i) she was born in Gokula as daughter of Vṛṣabhānu and Kalāvatī. [Brahmavaivarta Purāṇa, 2, 49] ; 35-42;[Nārada Purāṇa, 2. 81] .
(ii) she was got as Bhūmi-kanyā (earth-girl) when king Vṛṣabhānu was preparing the ground to conduct a Yajña. [Padma Purāṇa] ;[Brahma Purāṇa 7] .
(iii) she was born from the left side of Kṛṣṇa. [Brahmavaivarta Purāṇa] .
(iv) At the time of Kṛṣṇa's birth Viṣṇu asked his attendants to be born on earth. accordingly Rādhā, dear consort of Kṛṣṇa, took her birth in Gokula under the star Jyeṣṭhā in the morning of Śuklāṣṭamī day in Bhādrapada month. [Ādi Parva 11] ,
(v) Kṛṣṇa once went with Virajā, the Gopī woman, to the hall of enjoyment (rāsamaṇḍalam). knowing about it Rādhā followed them to the hall, but both of them were not to be seen. On another occasion when Rādhā found Virajā in the company of Kṛṣṇa and Sudāmā she, in great anger, insulted Kṛṣṇa whereupon Sudāmā cursed her to be born in human womb and experience the pangs of separation from Kṛṣṇa. [Nārada Purāṇa 2. 8] ;[Brahmavaivarta Purāṇa. 2. 49] and Rādhā cursed him in turn to be born in the dānava dynasty. it was on account of this curse of Rādhā that Sudāmā was born as the asura called Śaṅkhacūḍa. ---11--- .
(vi) Rādhā is considered to be one of the five forces which help Viṣṇu in the process of creation. [Devī Bhāgavata 9. 1] ;[Nārada Purāṇa 2. 81] .
(vii) Rādhā is the mental power of Śrī Kṛṣṇa. (For details see under Pañcaprāṇas).
<span class="kMeaningPrefix">RĀDHĀ ii   <span class="kMeaningText">wife of Adhiratha, the foster-father of Karṇa and the foster-mother of Karṇa. (see under Karṇa).

राधा

हिन्दी (hindi) WN | Hindi  Hindi |   | 
<span class="kMeaningPrefix"> noun  <span class="kMeaningText">वृषभानु की पुत्री जो कृष्ण की प्रेमिका थीं   Ex. कई कवियों ने राधा और कृष्ण के प्रेम का अनूठा वर्णन किया है ।
ONTOLOGY:
पौराणिक जीव (Mythological Character)जन्तु (Fauna)सजीव (Animate)संज्ञा (Noun)
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marराधा
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sanराधा
<span class="kMeaningPrefix"> noun  <span class="kMeaningText">अधिरथ की पत्नी   Ex. राधा और अधिरथ ने कर्ण का पालन-पोषण किया ।
ONTOLOGY:
पौराणिक जीव (Mythological Character)जन्तु (Fauna)सजीव (Animate)संज्ञा (Noun)
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राधा

<span class="kMeaningPrefix">राधा n.  <span class="kMeaningText">कृष्ण की सुविख्यात प्राणसखी एवं उपासिका, जिसका निर्देश गोपालकृष्ण की बाललिलाओं में पुन: पुन: प्राप्त है । गोकुल में रहनेबाले एवं राधा के साथ नानाविध क्रीडा करनेबाले ‘गोपालकृष्ण’ का निर्देश पतंजलि के व्याकरण महाभाष्य, महाभारत एवं नारायणीय आदि ग्रंथों में अप्राप्य है । इसके नाम का सर्वप्रथम निर्देश हरिवंश, वायु एवं भागवत में प्राप्त है, जिनका रचनाकाल ई. स. तीसरी शताब्दी माना जाता है । सृष्टिउपकारक पाँच विष्णुशक्त्तियों में से राधा एक मानी गयी है [दे. भा. ९.१] ;[नारद. २.८१] । यह संपत्ति का अधिष्ठात्री है, तथा इसे कान्ता, अतिदान्ता, शान्ता, सुशीला, सर्वमंगला, आदि नाम प्राप्त है । लक्ष्मी के दो रूप माने गये है
<span class="kMeaningPrefix">राधा n.  <span class="kMeaningText">यह गोकुल में वैश्य वृषभानु नामक गोप को कलावती नामक पत्नी से उत्पन्न हुई थी [ब्रहावै. २.४९.३५-४२] ;[नारद. २.८१.]पद्म में इसे वृषभानु राजा की कन्या कहा गया है । यह राजा यज्ञ के लिए पृथ्वी साफ कर रहा था, उस समय, उसे भूमिकन्या के रूप में राधा प्राप्त हुई । पश्चात् उसने इसे अपनी कन्या मान कर इसका भरणपोपण किया [पद्म. ब्र. ७]कृष्ण के वामांग से यह उत्पन्न हुई. ऐसी कथा भी कई पुराणों में प्राप्त है [ब्रह्मवै. २.१२.१६]
<span class="kMeaningPrefix">राधा n.  <span class="kMeaningText">राधा का अवतार पृथ्वी पर किस कारण से हुआ, यह बतानेबाली अनेक कथाएँ पुराणों में प्राप्त हैं, जो काफी कल्पनारम्य प्रतीत होती हैं । कृष्णवतार लेते समय विष्णु ने अपने परिवार के समस्त देवताओं को पृथ्वी पर अवतार लेने के लिए आज्ञा दीइस आज्ञा के अनुसार, विष्णु की प्रियसखी राधा ने पृथ्वी पर जाना स्वीकार किया, एवं भाद्रपद शुक्ल अष्टमी के दिन, ज्येष्ठा नक्षत्र के चतुर्थ चरण में प्रात:काल के समय जन्म लिया [आदि. ११]नारद के अनुसार, एक बार श्रीविष्णु विरजा नामक गोपी को अपने साथ रासमंडल में ले गये । किन्तु वहाँ पहूँचने के पहले ही वे दोनों लुप्त हो गये । बाद में इसने विरजा को पुन: एक बार कृष्ण एवं सुशामा के साथ बैठते हुए देखा । इस कारण इसने श्री विष्णु की काफी निंदा कीजब सुशमा ने इसे खूव डाँटा एवं इसे शाप दिया, ‘तुम्हे मानवयोनि में जन्म प्राप्त होगा, उस समय तुम्हे कृष्ण से काफी विरह सहना पडेगा’ [नारद. २.८१] ;[ब्रहावै. २.४९]पश्चात् इसने भी सुदामा को शाप दिया, ‘तुमने मुझे बूरा भला कहा है, अत: तुम्हे दानव-योनि में जन्म प्राप्त होगा [दे. भा. ९.१९] । राधा के इस शाप के कारण, सुशमा शंखचूड नामक असुर वन गया [ब्रह्मवै. २.४९.३४]पश्चात् कृष्ण ने सुदामा को उ:शाप दिया, ‘गोलोक का आधा क्षण अथांत् एक मन्वन्तर तक ही तुम असुर रहोगे । पश्चात् तुम्हे मुक्ति प्राप्त होगी’ । नारद में सुदामा की असुर-अवस्था की कालमर्यादा सौ साल दी गयी है ---11--- ।
<span class="kMeaningPrefix">राधा n.  <span class="kMeaningText">मानव योनि में जन्म लेने के पश्चात‌ राधा का कृष्ण से विवाह, वैशाख शुक्ल तृतीया के दिन रोहिणी नक्षत्र पर हुआ था [आदि. ११] किन्तु अन्य पुराणों में गोकुलनिवासी राधा को कृष्ण की सखी बताया गया है, एवं इसके पति का नाम ‘रापाण’ दिया गया है [ब्रह्मवै. २.४९.३७] । ब्रह्नावैवर्त के काण्व शाखा में राधा का आख्यान प्राप्त है, जहाँ राधा एवं कृष्ण को एक दूसरे का उपासक कहा गया है [ब्रह्मवै.२.४८.१२-१३] । राधा एवं कृष्ण के उपासकराधाकृष्णनाम का जाप कर के इनकी उपासना करते हैं । ‘राधाकृष्ण’ के स्थान पर’ कृष्णराधा’ इस क्रम से नामोच्चारण करने पर नरक की प्राप्ती होती है. ऐसी भक्त्तों की धारणा है [ब्रह्मवै. २.४९-५९] । राधा के नामस्मरण का माहात्म्य बतानेबाला एक मंत्र का पाठ राधाकृष्ण के उपासक प्रतिदिन करते है, जो निम्नप्रकार है--- राशब्दोच्चारणाद्भक्त्तो राति मुक्तिं सुदुर्लभाम् । धाशब्दोच्चारणाद दुर्गे धावत्येव हरे: पदम्रा इत्यादानवचनो धा च निर्वाणवाचक: । ततोऽवाप्नोति मुक्तिं च येन राधा प्रकीर्तिता ॥ (ब्रह्नावै. २.४८. ४०, ४२)
<span class="kMeaningPrefix">राधा n.  <span class="kMeaningText">राधा एवं कृष्ण की उपासना का प्राचीनतम ग्रंथ ‘ज्ञानामृतसार’ है, जोनारद पंचरात्र’ नामक संहिता में समाविष्ट है । इस ग्रंथ के अनुसार, कृष्ण गोलोक नामक दिव्य लोक में निवास करते हैं, जहाँ राधा भी उनकी प्रियतम सखी बन कर रहती है [ज्ञानामृत. २.३.२४]इस ग्रंथ में राधा को कृष्ण के बराबर ही श्रेष्ठ माना गया है, एवं इन दोनो की उपासना करने से भक्त को भी गोलोक की प्राप्ति होती है, ऐसा कहा गया है । इस ग्रंथ का रचना काल ई. स. ४ थी शताब्दी माना गया है । (१) निंबार्क सांप्रदाय---राधाकृष्ण संप्रदाय का अन्य एक उपासक निंबार्क माना जाता है, जो ई. स. ११ वी शताब्दी में उत्पन्न हुआ था । निंबार्क स्वयं रामानुज संप्रदाय का थाकिंतु जहाँ रामानुज नारायण, एवं उसकी पत्नी लक्ष्मी (भू अथवा लीला) की उपासना पर जोर देते है, वहाँ निंबार्द गोपालकृष्ण एवं राधा के उपासना को प्राधान्य देते हैं । निंबार्क का यह तत्त्वज्ञानसनक सांप्रदायनाम से सुविख्यात है । निंबार्क स्वयं दक्षिण देश में रहनेवाला तैंलगी ब्राह्मण था, फिर भी वह स्वयं उत्तर भारत में मथुरा एवं वृन्दावन के पास रहता थाइस कारण इसके सांप्रदाय के बहुत सारे लोग उत्तर प्रदेश एवं बंगला में दिखाई देते हैं । ये लोग अपने भालप्रदेश पर गोपीचंदन का टीका-लगाते हैं एवं तुलसीमाला पहनते हैं । (२) वल्लभ सांप्रदाय---राधाकृष्ण सांप्रदाय का अन्य एक महान् प्रचारकवल्लभमाना जाता है, जो १५ वीं शताब्दी में उत्पन्न हुआ थागोकुल में नानाविध बाललीला करनेवाला गोपालकृष्ण एवं उसकी प्रियसखी राधा ‘वल्लभ संप्रदाय’ के अधिष्ठात्री देवता हैं । इस संप्रदाय के अनुसार, गोलोक, जहाँ कृष्ण एवं राधा निवास करते हैं, वह श्रीविष्णु के वैकुंठ से भी श्रेष्ठ है, एवं उस लोक में प्रवेश प्राप्त करना यहीं प्रत्येक साधक का अंतीम ध्येय है । (३) सखीभाव सांप्रदाय---राधाकृष्ण की उपासना का और एक आविष्कार ‘सखीभाव’ संप्रदाय है, जहाँ साधक स्वयं स्त्रीवेष धारण कर राधा-कृष्ण की उपासना करते हैं । राधा के समान स्त्रीवेष धारण करने से श्रीकृष्ण का सहचर्य अधिक सुलभता से प्राप्त हो सकता है, ऐसी इन लोगों की धारणा है । उन्हें राधाकृष्ण की उपासना का एक काफी विकृत रूप माना जा सकता है [भांडारकर, वैष्णविजम्, पृ. ९३, ११७.१२३, १२६] । (४) श्री विठ्ठल-उपासना---महाराष्ट्र में कृष्ण --- उपासना का आद्य प्रवर्तक पुंडलीक माना जाता है, जिसकी परंपरा आगे चल कर नामदेव एवं तुकाराम आदि संतों ने चलायी । किन्तु महाराष्ट्र में प्राप्त श्रीविठ्ठल की उपासना में राधा का स्थान श्रीकृष्ण की पत्नी रुक्मिणी के द्वारा लिया गया प्रतीत होता है । रूक्मिणी के कारण श्रीकृष्ण पंढरपुर (पुंडलीकपुर) में आया, तथा श्रीविठ्ठल नाम से प्रसिद्ध हुआ ।
<span class="kMeaningPrefix">राधा iin.  <span class="kMeaningText">(सो. अनु.) अदिरथ सूत की पत्नी. जिसे राधिका नामांतर भी प्राप्त थाकुन्ती के द्वारा नदी में छोडा गया कर्ण इसे मिला था । इसने उसका नाम वसुषेण रखा थाकर्ण को मिलने के बाद इसे अन्य औरस पुत्र भी हुए थे [म. आ. १०४.१४-१५] ;[व. २९३.१२]

राधा

कोंकणी (Konkani) WN | Konkani  Konkani |   | 
<span class="kMeaningPrefix"> noun  <span class="kMeaningText">कृष्णाची मोगिका आशिल्ली अशी वृषभानुची चली   Ex. खूबशा कविनीं राधा आनी कृष्णाच्या मोगाचें वेगळेंच वर्णन केला
ONTOLOGY:
पौराणिक जीव (Mythological Character)जन्तु (Fauna)सजीव (Animate)संज्ञा (Noun)
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<span class="kMeaningPrefix"> noun  <span class="kMeaningText">अधिरथाची बायल   Ex. राधा आनी अधिरथान कर्णाचें पालन-पोशण केलां
ONTOLOGY:
पौराणिक जीव (Mythological Character)जन्तु (Fauna)सजीव (Animate)संज्ञा (Noun)
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राधा

A dictionary, Marathi and English | Marathi  English |   | 
<span class="kMeaningPrefix">   <span class="kMeaningText">A man dressed in woman's clothes as a dancer.

राधा

Aryabhushan School Dictionary | Marathi  English |   | 
<span class="kMeaningPrefix">  f <span class="kMeaningText"> A man dressed in woman's clothes as a dancer.

राधा

मराठी (Marathi) WN | Marathi  Marathi |   | 
<span class="kMeaningPrefix"> noun  <span class="kMeaningText">वृषभानुची पुत्री जी श्रीकृष्णाची प्रेमिका होती   Ex. कित्येक कवींनी राधा आणि श्रीकृष्णाच्या प्रेमाचे अनोखे वर्णन केले आहे.
ONTOLOGY:
पौराणिक जीव (Mythological Character)जन्तु (Fauna)सजीव (Animate)संज्ञा (Noun)
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sanराधा
<span class="kMeaningPrefix"> noun  <span class="kMeaningText">अधिरथची पत्नी   Ex. राधा आणि अधिरथने कर्णाचे पालनपोषण केले.
ONTOLOGY:
पौराणिक जीव (Mythological Character)जन्तु (Fauna)सजीव (Animate)संज्ञा (Noun)
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राधा

<span class="kMeaningPrefix">  स्त्री. <span class="kMeaningText">१ कृष्णसखी ; अनयाची स्त्री . २ नाचकामाकरितां स्त्रीवेष धारण करणारा पुरुष . राधाईमावशी - स्त्री . ( जादूगार व कोल्हाटी लोकांत ) नळीच्या तोंडाशीं असलेली नाचणारी बाहुली .
<span class="kMeaningPrefix">  पु. <span class="kMeaningText">शिमग्यामध्यें खेळी राधेचा खेळ काढतात व गांवोगांव हिंडतात त्यास म्हणतात . तमाशा ; तमाशा करणें .
<span class="kMeaningPrefix">०नगरी   <span class="kMeaningText">नगरी रेशीम - न . रेशमाची एक जात . राधाष्टमी - स्त्री . राधेचा वाढदिवस म्हणून पाळण्यांत येणारी आश्विन वद्य अष्टमी . [ सं . ] राधेय - पु . राधापुत्र कर्ण . [ राधा = एक कोळयाची स्त्री . ]

राधा

A Sanskrit English Dictionary | Sanskrit  English |   | 
<span class="kMeaningPrefix">राधा  f. <span class="kMeaningText">af. see below.
<span class="kMeaningPrefix">राधा  f. <span class="kMeaningText">bf. prosperity, success, [L.]
<span class="kMeaningPrefix">नक्षत्र   <span class="kMeaningText">(also du.) also title or epithet).">N. of the 21st नक्षत्रविशाखा (containing 4 stars in the form of a curve supposed to be α, ι, ν Librae, and γ Scorpionis cf.), [L.]
<span class="kMeaningPrefix">   <span class="kMeaningText">lightning, [L.]
<span class="kMeaningPrefix">-भेधिन्   <span class="kMeaningText">a partic. attitude in shooting (standing with the feet a span apart; cf., -वेधिन्), [Pracaṇḍ.]
ROOTS:
भेधिन्
<span class="kMeaningPrefix">   <span class="kMeaningText">emblic Myrobolan">emblic Myrobolan, [L.]
<span class="kMeaningPrefix">   <span class="kMeaningText">Clytoria Ternatea, [L.]
<span class="kMeaningPrefix">   <span class="kMeaningText">also title or epithet).">N. of the foster-mother of कर्ण (q.v.; she was the wife of अधिरथ, who was सूत or charioteer of king शूर), [MBh.] (cf.[IW. 377] )
<span class="kMeaningPrefix">   <span class="kMeaningText">of a celebrated cowherdess or गोपी (beloved by कृष्ण, and a principal personage in जय-देव's poem गीतगोविन्द; at a later period worshipped as a goddess, and occasionally regarded as an अवतार of लक्ष्मी, as कृष्ण is of विष्णु; also identified with दाक्षायणी), [Gīt.] ; [Pañcat.] &c. (cf.[IW. 332] )
<span class="kMeaningPrefix">   <span class="kMeaningText">of a female slave, ---11---

राधा

The Practical Sanskrit-English Dictionary | Sanskrit  English |   | 
<span class="kMeaningPrefix">राधा [rādhā]   <span class="kMeaningText">1 prosperity, success.
<span class="kMeaningPrefix">  N. <span class="kMeaningText">N. of a celebrated Gopī or cowherdess loved by Kṛiṣṇa (whose amours have been immortalized by Jayadeva in his Gītagovinda); तदिमं राधे गृहं प्रापय [Gīt.1.]
<span class="kMeaningPrefix">  N. <span class="kMeaningText">N. of the wife of Adhiratha and foster-mother of Karṇa.
<span class="kMeaningPrefix">   <span class="kMeaningText">The lunar mansion called विशाखा.
<span class="kMeaningPrefix">   <span class="kMeaningText">lightning.
<span class="kMeaningPrefix">   <span class="kMeaningText">An attitude in shooting.
<span class="kMeaningPrefix">   <span class="kMeaningText">emblic myrobalan.
<span class="kMeaningPrefix">   <span class="kMeaningText">The full-moon day in the month of Vaiśākha.
<span class="kMeaningPrefix">   <span class="kMeaningText">devotedness.
<span class="kMeaningPrefix">  N. <span class="kMeaningText">N. of a plant (Clytoria Ternatea; mar. विष्णुक्रान्ता). -Comp.
<span class="kMeaningPrefix">-कान्तः, -पतिः, -रमणः  N. <span class="kMeaningText">N. of Kṛiṣṇa.
<span class="kMeaningPrefix">-भेदिन्, -वेधिन्  m. <span class="kMeaningText">m. N. of arjuna.
<span class="kMeaningPrefix">-सुतः  N. <span class="kMeaningText">N. of Karṇa.

राधा

संस्कृतम् (Sanskrit) WN | Sanskrit  Sanskrit |   | 
<span class="kMeaningPrefix"> noun  <span class="kMeaningText">अधिरथस्य पत्नी।   Ex. राधा अधिरथः च कर्णस्य पालनं चक्रतुः।
ONTOLOGY:
पौराणिक जीव (Mythological Character)जन्तु (Fauna)सजीव (Animate)संज्ञा (Noun)
Wordnet:
<span class="kMeaningPrefix"> noun  <span class="kMeaningText">वृषभानोः पुत्री या कृष्णस्य प्रेमिका आसीत्।   Ex. नैकैः कविभिः राधा तथा च कृष्णस्य प्रेम्णः अद्भूतं वर्णनं कृतम्।
ONTOLOGY:
पौराणिक जीव (Mythological Character)जन्तु (Fauna)सजीव (Animate)संज्ञा (Noun)
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<span class="kMeaningPrefix">   <span class="kMeaningText">see : विशाखा

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