बृहद्वल n. -(सू.इ.) कोसल देश का एक सम्राट, जो भागवत के अनुसार तक्षक राजा का, एवं अन्य पुराणों के अनुसार विश्रुववत् राजा का पुत्र था । युधिष्ठिर के राजसूय यज्ञ के समय, भीमसेन ने किये पूर्व दिग्विजय में उसने परास्त किया था
[म.स.२७.१] । राजसूय यज्ञ में इसने युधिष्ठिर को चौदह हजार उत्तम अश्व भेंट में प्रदान किये थे । भारतीय युद्ध में यह कौरवों के पक्ष में शामिल था । दुर्योधन ने अपने सैन्यसमुद्र में इनकी उपमा ‘समुच्चाल’ (ज्वार) से की थी
[म.उ.१५८.३८] । अन्त में अभिमन्यु से हुए घनघोर युद्ध में, यह उसीके द्वारा मारा गया
[म.द्रो.४६.२४] ;
[भा.९.१२.८] ।
बृहद्वल II. n. (सो. क्रोष्टु.) एक यादव राजा, जो वसुदेवभ्राता देवभाग एवं कंसा का पुत्र था
[भा.९.२४.४०] ।
बृहद्वल III. n. गांधारराज सुबल राजा एक पुत्र, जो शकुनि का भाई था । अपने भाई शकुनि एवं वृषक के साथ यह द्रौपदी के स्वयंवर में उपस्थित था ।
बृहद्वल IV. n. (सो. अनु.) एक अनुवंशीय राजा, जो विष्णु के अनुसार बृहत्कर्मन् का पुत्र था ।