-
पु. ( प्र . ) शिकंदर पहा . [ अर . अस्कंगर ; फा . सिकंदर ; इं अलेक्झांडर ]
-
An appellative for a determined vagabond and profligate, an arrant or thoroughsped scoundrel &c.
-
सिकंदर (अलेक्झांडर) n. एक सुविख्यात मकदूनियन (मॅसिडोनियन) जगज्जेता सम्राट्, जो ३२७ इ. पू. - ३२३ इ. पू. के दरम्यान उत्तरी - पश्चिम भारत पर किये गये आक्रमण के कारण, प्राचीन भारतीय इतिहास में अमर हो चुका है । इसके भारतीय आक्रमण के इतिहास की जो प्रमाणित सामाग्री उपलब्ध है, उसमें इ. पू. ४ थी शताब्दी में उत्तरी पश्चिम भारत में स्थित संघराज्यों की अत्यंत महत्त्व पूर्ण जानकारी प्राप्त होती है । सिकंदर के भारतीय आक्रमण के उपलक्ष्य में, उत्तरी पश्चिम भारत के संघराज्यों की जो जानकारी टॉलेमी आदि ग्रीक इतिहासकारों के द्वारा पायी जाती है, वह पाणिनीय व्याकरण में निर्दिष्ट जनपदों की जानकारी से काफी मिलती जुलती है । इस काल का इतिहास कथन करने वाले महाभारत, पुराणों जैसे जो भी ग्रंथ उपलब्ध हैं, उनमें उत्तर पश्चिम भारत के प्राचीन जनपदों की उपर्युक्त जानकारी अप्राप्य है । इसी कारण सिकंदर के उत्तरी पश्चिम भारतीय आक्रमण का इतिहास प्राचीन भारतीय इतिहास में एक अपूर्व महत्त्व रखता है । अपनी चतुरंगिणी सेना के साथ सारा भारतवर्ष पादाक्रांत करने के लिए आये हुए जगज्जेता सिकंदर को उत्तर पश्चिम भारतीय जनपदों पर विजय प्राप्त करने के लिए साढेतीन वर्षौं तक रातदिन झगडना पडा । इससे उन जनपदों की शूरता एवं पराक्रम पर काफी प्रकाश पडता है । विशाल इरानी साम्राज्य को चार साल में जीतनेवाले सिकंदर को भारत की उत्तरी पश्चिम विभाग में साढे तीन वर्ष लगे, एवं वहाँ पग - पग पर सख्त सामना करना पडा । इस प्रकार एक आँधी की भाँति इस प्रदेश पर आक्रमण करनेवाले सिकंदर को अन्त में एक बगूले की तरह लौट जाना पडा । उत्तरी पश्चिम भारत में स्थित जनसत्ताक पद्धति के छोटे छोटे राज्यों का स्वतंत्र अस्तित्व सिकंदर के आक्रमण के कारण विनष्ट हुआ, यही नहीं, प्रबल परकीय आक्रमण के सामने इस पद्धति के छोटे राज्य असहाय साबित होते हैं, यह नया राजनैतिक साक्षात्कार भारतीय राजनीतिज्ञों को प्रतीत हुआ । इसी अनुभूति से शिक्षा पा कर आर्य चाणक्य ने आगे चल कर बलाढ्य साम्राज्यरचना का अभिनव प्रयोग चंद्रगुप्त मौर्य के द्वारा कराया, एवं उसे प्राचीन भारत के सर्वप्रथम एकतंत्री एवं सामर्थ्यसंपन्न साम्राज्य का अधिपति बनाया ।
-
सिकंदर (अलेक्झांडर) n. ३३० इ. पू. के अन्त में सिकंदर ने सर्वप्रथम भारत की पश्चिम सीमा पर स्थित शकस्थान पर हमला किया । उस प्रदेश को जीत कर इसने दक्षिण अफगाणिस्तान पर हमला किया, एवं वहाँ स्थित हरउवती (आधु. अरगन्दाब) प्रदेश को जीत लिया । पश्चात् इसने वहाँ सिकन्दरिया (अलेक्झांड्रिया) नामक नये नगरी की स्थापना की । पश्चात् इसने बल्ख देश पर आक्रमण किया, तथा वक्षु नदी (आमुदरिया) एवं सीर नदी के बीच में स्थित सुग्ध (सोग्डिआना, समरकंद) देश अपने कब्जे में ले लिया । सुग्ध के इसी युद्ध में सिकंदर को शशिगुप्त नामक किसी भारतीय राजा से युद्ध करना पडा, जो संभवतः कंबोज महाजनपद का राजा था । इस प्रकार बल्ख एवं सुग्ध पर अपना अधिकार जमा कर यह काबूल की घाटी में आ उतरा । काबूल घाटी से सीधे भारतवर्ष पर हमला करने के पूर्व, इसने इस घाटी के उत्तरभाग में स्थित ‘ आश्वायन ’ , ‘ आश्वकायन ’ (एवं उसकी राजधानी ‘ मस्सग ’) आदि गणराज्यों पर आक्रमण किया । मस्सग की इसी लडाई में इसने वाहीक देश के सात हजार भृत सैनिकों को विश्वासघात से वध किया । पश्चात् इसने गौरी नदी के पश्चिम तट पर स्थित नुसा जनपद को जीत लिया । इस प्रकार छः मास तक निरंतर युद्ध कर के, सिकंदर उत्तरी अफगाणिस्थान में स्थित जातियों एवं जनपदों को जीतने में यशस्वी हुआ ।
Site Search
Input language: