जानकि n. ऋतुजित्
[तै.सं. २.३.८.१] ;
[क सं११. १] , तथा अयस्थूण
[बृ.उ.६.३.१०] का पैतृक नाम । उपनिषदों में इसे चूल भागवित्ति का शिष्य तथा सत्यकाम जाबाल का गुरु कहा गया है । उपरोक्त वर्णित सारे जानकि एक है या अनेक, यह कहा नहीं जाता ।
जानकि II. n. एक ऋषि । विश्वंतर के सोमयाग में, श्यापर्ण के प्रवेश करने के बाद, एक विशिष्ट पद्धति की सोम की परंपरा बताई गयी । वह परंपरा क्रतुविद ने जानकि को सिखायीं
[ऐ. ब्रा.७.३४] ।
जानकि III. n. दुर्योधनपक्षीय क्षत्रिय राजा
[म.आ.६१.३६] । स्वर्ग में रहनेवाले चंद्रविनाशन दैत्य का यह अंशावतार था ।