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क्षन् 1. (or क्षण्) cl. 8. P. क्षणो॑ति (aor. अक्षणीत्, [Pāṇ. 7-2, 5] ; cf. अ-क्षण्वत्), to hurt, injure, wound, [ŚBr.] (inf. क्षणि॑तोस्, xiv, 8, 14, 4), [Kum. v, 54] ; to break (a bow), [Ragh. xi, 72] : Ā. क्षणुते॑ (aor. Subj. 2. sg. क्षणिष्ठास्, Pot. क्षण्वीत), to hurt one's self, be injured or wounded, [AV. x, 1, 16] ; [ŚBr. iv, 4, 3, 13 and 6, 1, 6] ; [TBr. iii] ; ([cf. κτείνωκαίνωξαίνωσίνομαι for ξίνομαι?]) क्षन् 2.aor. Subj. 3. pl. √ घस्q.v.
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