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सीमन्तोन्नयन संस्कार
इस सृष्टि में उत्पन्न किसी वस्तु को, मनुष्य प्राणी भी, उत्तम स्थिती में लाने का वा करने का अर्थ ’संस्कार’ है।
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सीमन्तोन्नयन
Meanings: 3; in Dictionaries: 2
Type: WORD | Rank: 1.453692 | Lang: NA
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विवाहपूर्वकृत्य
विवाह संस्कार सोळा संस्कारांपैकी एक आहे. विवाह फक्त शारीरिक संबंध नसून, वंशवृद्धी हे प्रमुख कारण आहे.
The Vivaha is the most Important Samskar of all the Hindu rituals, for continuing their Vansh.
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स्थान तथा काल-मान
इस सृष्टि में उत्पन्न किसी वस्तु को, मनुष्य प्राणी भी, उत्तम स्थिती में लाने का वा करने का अर्थ ’संस्कार’ है।
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धर्मसिंधु - सीमन्तकाल
हिंदूंचे ऐहिक, धार्मिक, नैतिक अशा विषयात नियंत्रण करावे आणि त्यांना इह-परलोकी सुखाची प्राप्ती व्हावी ह्याच अत्यंत उदात्त हेतूने प्रेरित होउन श्री. काशीनाथशास्त्री उपाध्याय यांनी ’धर्मसिंधु’ हा ग्रंथ रचला आहे. This 'Dharmasindhu' grantha was written by Pt. Kashinathashastree Upadhyay, in the year 1790-91.
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धर्मसिंधु - नान्दीश्राद्धनिर्णय
हिंदूंचे ऐहिक, धार्मिक, नैतिक अशा विषयात नियंत्रण करावे आणि त्यांना इह-परलोकी सुखाची प्राप्ती व्हावी ह्याच अत्यंत उदात्त हेतूने प्रेरित होउन श्री. काशीनाथशास्त्री उपाध्याय यांनी ’धर्मसिंधु’ हा ग्रंथ रचला आहे. This 'Dharmasindhu' grantha was written by Pt. Kashinathashastree Upadhyay, in the year 1790-91.
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धर्मसिंधु - पुंसवन संस्कार
हिंदूंचे ऐहिक, धार्मिक, नैतिक अशा विषयात नियंत्रण करावे आणि त्यांना इह-परलोकी सुखाची प्राप्ती व्हावी ह्याच अत्यंत उदात्त हेतूने प्रेरित होउन श्री. काशीनाथशास्त्री उपाध्याय यांनी ’धर्मसिंधु’ हा ग्रंथ रचला आहे. This 'Dharmasindhu' grantha was written by Pt. Kashinathashastree Upadhyay, in the year 1790-91.
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षोडशसंस्कारः - प्रस्तावना
‘ संस्कार ’ हे केवळ रूढी म्हणून करण्यापेक्षां त्यांचे हेतू जाणून ते व्हावेत अशी अनेकांची इच्छा असते. ज्यावेळीं एखाद्या घरांमध्यें शुभकार्य असते त्यावेळीं या गोष्टी सविस्तर माहीत असल्यास कार्य सुव्यवस्थित पार पडते असा अनुभव आहे.
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उपनयन विधी १
सर्व सोळा संस्कारात उपनयनसंस्कार सर्वात श्रेष्ठ होय. हा संस्कार केल्याने बटूला वेदाध्ययनाचा अधिकार प्राप्त होतो.
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श्रीविष्णुपुराण - तृतीय अंश - अध्याय १३
भारतीय जीवन-धारा में पुराणों का महत्वपूर्ण स्थान है, पुराण भक्ति ग्रंथों के रूप में बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं। जो मनुष्य भक्ति और आदर के साथ विष्णु पुराण को पढते और सुनते है, वे दोनों यहां मनोवांछित भोग भोगकर विष्णुलोक में जाते है।
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फलम्
Meanings: 153; in Dictionaries: 2
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क्रिया कैरव चन्द्रिका - एकोन त्रिंशः परिच्छेदः
श्री वराहगुरुणाविरचितायां क्रियाकैरवचन्द्रिकाः
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संस्कार
Meanings: 66; in Dictionaries: 10
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वेंकटेश्वर माहात्म्य - अध्याय पहिला
वेंकटेश महात्म्याचे पारायण केल्यास प्रत्यक्ष बालाजीचे दर्शन घेतल्याचा अनुभव येतो.
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द्वितीय पाद - संहिताप्रकरण
` नारदपुराण ’ में शिक्षा, कल्प, व्याकरण, ज्योतिष, और छन्द- शास्त्रोंका विशद वर्णन तथा भगवानकी उपासनाका विस्तृत वर्णन है।
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द्वितीय पाद - त्रिस्कन्ध ज्यौतिषके वर्णन
` नारदपुराण ’ में शिक्षा, कल्प, व्याकरण, ज्योतिष, और छन्द- शास्त्रोंका विशद वर्णन तथा भगवानकी उपासनाका विस्तृत वर्णन है।
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