श्रावण शुक्लपक्ष व्रत - नागपञ्चमी

व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।


नागपञ्चमी -

यह व्रत श्रावण शुक्ल पञ्चमीको किया जाता है । लोकाचार या देश - भेदवश किसी जगह कृष्णपक्षमें भी होता है । इसमे परविद्धा पञ्चमी ली जाती है । इस दिन सर्पोंको दूधसे स्त्रान और पूजन कर दूध पिलानेसे, वासुकीकुण्डमें स्त्रान करने, निज गृहके द्वारमें दोनों ओर गोबरके सर्प बनाकर उनका दधि, दूर्वा, कुशा, गन्ध, अक्षत, पुष्प, मोदक और मालपुआ आदिसे पूजा करने और ब्राह्मणोंको भोजन कराकर एकभुक्त व्रत करनेसे घरमें सर्पोंका भय नहीं होता है । यदि ' ॐ कुरुकुल्ये हुं फद स्वाहा ' के परिमित जप करे तो सर्पविष दूर होता है ।

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Last Updated : January 21, 2009

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