व्याधीनाम
ज्वर
वातज, पित्तज, कफज, वातपित्तज, पित्तकफज, वातकफज, सान्निपातिक, आगंतु.
हेतू
मिथ्याहारविहार, अभिघात, प्रपाक असात्म्यसेवन, ऋतुविपर्यय, विषम प्रसूति संसर्ग, सूतिकामिथ्योपचार, अजीर्ण, विषयुक्त अन्न व गंधसेवन.
संप्राप्तींतील दोष व दूष्यें
पित्त अग्निचे रसानुगत्व, रस, आम मार्ग-अभ्यंतर
पूर्वरुपें व सामान्यलक्षणें
गौरव, आलस्य, त्रासिकपणा, जृंभा, अरुचि, नेत्रदाह संताप, अंगमर्द, स्वेदावरोध, थंडी वाजणें, अराति, वैचित्य, ग्लानि
व्यवच्छेदार्थ व्याधि
प्रतिश्याय, अजीर्ण, पित्तज कास, प्रतमकश्वास, गुल्म, विद्रधी, उपसर्गज रोग व्रणशोथ, आमवात.
उपद्रव व परिणाम
अतिसार रक्तपित्त प्रलाप, मूर्च्छा, बलमांसपरिक्षय, शिर:शूल, कर्णनाद, कामला, अग्निमांद्य, कंप, मूत्रजठर
चिकित्सा कल्प
मुस्ता, पर्पट, तुलस निक्तपंचक, त्रिकटु, त्रिभुवनकीर्ति, नागपुटी महामृत्युंजय, लक्ष्मीविलास लक्ष्मीनारायण, हेमगर्भ, चतुर्भुज, सूतशेखर, चंद्रकला
पथ्यापथ्य
पथ्य - लंघन, षडंगोदक
अपथ्य - व्यायाम
===
व्याधीनाम
पांडु
वातज, पित्तज, कफज, सान्निपातिक, मृजन्य.
हेतू
अम्ल, लवण, क्षार, मृत्, तिल, शिंबीधान्यें, विरुध्द, असात्म्य, ऋतुवैषम्य, कृमी, चिंता.
संप्राप्तींतील दोष व दूष्यें
वात, पित्त, हृदय, रस, रक्तक्षय, त्वड् मांसान्तराश्रय मार्ग-मध्यम, बाह्य
पूर्वरुपें व सामान्यलक्षणें
आक्षिकूटशोथ वैवर्ण्य, पांडुता, नखनेत्र पांडुता, अंगसाद, दौर्बल्य, आयासेन श्वास, हृत्स्पंद, शीतद्वेष, भ्रम, ग्लानि
व्यवच्छेदार्थ व्याधि
अपतर्पण, अग्निमांद्य, ग्रहणी, गुल्म, यकृतप्लीहावृध्दि, यक्ष्मा, जीर्णज्वर, हृद्रोग, अर्श, रक्तप्रवाहिका, रक्तप्रदर, गर्भिणी.
उपद्रव व परिणाम
शोथ, हृद्रोग.
चिकित्सा कल्प
स्नेहन, घृतपान दाडिम, जीवनीय गण, अभ्रकभस्म, लोहभस्म, सूतशेखर, नवायसचूर्ण, ताप्यादिलोह
पथ्यापथ्य
अपथ्य - उष्ण, तीक्ष्ण, विदाही, श्रम, व्यायाम
===
व्याधीनाम
आमवात
वातज, पित्तज, कफज.
हेतू
स्निग्ध भोजनानंतर व्यायाम, अजीर्ण, अध्यशन, शीतसेवा, शोधन न घेणें.
संप्राप्तींतील दोष व दूष्यें
वात, आम, रस, संधि हृदय मार्ग-मध्यम.
पूर्वरुपें व सामान्यलक्षणें
संचारी शोथ, संधिशूल, स्पर्शासहत्व, उष्णता, राग, वेदना, ज्वर
व्यवच्छेदार्थ व्याधि
कोष्टुकशीर्ष, संधीगत वात, सर्वांगवात, वातकंटक, वातरक्त.
उपद्रव व परिणाम
ज्वर, संधिविकृति, हृद्रोग.
चिकित्सा कल्प
एरंडस्नेह, रास्ना, सहचर, शुंठी, गुडूची, देवदारु, पाचकेंद्ररस, सिंहनाद गुग्गुल, सुवर्ण मालिनीवसंत, आमपाचकवटी, वातविध्वंस
पथ्यापथ्य
अपथ्य - गुरु, स्निग्ध, दही, मासे
पथ्य - कुळीथ, वरी, लसूण, नाचणी, यव
===
व्याधीनाम
उरुस्तंभ
हेतू
गुरु, अभिष्यंदी, उष्ण, दिवास्वाप, वेगावरोध, अतिश्रम.
संप्राप्तींतील दोष व दूष्यें
कफ, मेद, रसवहस्त्रोत, मांडया, आम, स्त्रोतोरोध मार्ग-बाह्य
पूर्वरुपें व सामान्यलक्षणें
मांडया जखडणें, उरुसाद स्तैमित्य, तीव्रशूल, रोमहर्ष, अंगमर्द, तंद्रा, ज्वर
व्यवच्छेदार्थ व्याधि
पक्षवध, सन्निपातज्वर, आमवात, अस्थिक्षय, विद्रधि, अस्थिभंग, अभिघात
उपद्रव व परिणाम
शोथ, ज्वर, पांगुल्य.
चिकित्सा कल्प
लंघन, रुक्षण, स्वेदन, जलप्रतरण, शिलाजित, भल्लातक देवदारु, पंचकोल वातविध्वंस,
पथ्यापथ्य
अपथ्य - गुरु, अभिष्यंदी, शीत, शोधनकर्म