हिंदी सूची|हिंदी साहित्य|भजन|तुलसीदास कृत दोहावली| भाग ९ तुलसीदास कृत दोहावली भाग १ भाग २ भाग ३ भाग ४ भाग ५ भाग ६ भाग ७ भाग ८ भाग ९ भाग १० भाग ११ भाग १२ भाग १३ भाग १४ भाग १५ भाग १६ भाग १७ भाग १८ भाग १९ भाग २० भाग २१ भाग २२ भाग २३ भाग २४ भाग २५ तुलसीदास कृत दोहावली - भाग ९ रामभक्त श्रीतुलसीदास सन्त कवि आणि समाज सुधारक होते. तुलसीदास भारतातील भक्ति काव्य परंपरेतील एक महानतम कवि होत. Tags : dohavalidohetulsidasतुलसीदासदोहावलीदोहे भाग ९ Translation - भाषांतर श्रीरामजीके स्वरुपकी अलौकिकतासोरठाराम सरूप तुम्हार बचन अगोचर बुद्धिपर ।अबिगत अकथ अपार नेति नेति नित निगम कह ॥ईश्वर-महिमादोहामाया जीव सुभाव गुन काल करम महदादि ।ईस अंक तें बढ़त सब ईस अंक बिनु बादि ॥श्रीरामजीकी भक्तवत्सलताहित उदास रघुबर बिरह बिकल सकल नर नारि ।भरत लखन सिय गति समुझि प्रभु चख सदा सुबारि ॥सीता,लक्ष्मण और भरतके रामप्रेमकी अलौकिकतासीय सुमित्रा सुवन गति भरत सनेह सुभाउ ।कहिबे को सारद सरस जनिबे को रघुराउ ॥जानि राम न कहि सके भरत लखन सिय प्रीति ।सो सुनि गुनि तुलसी कहत हठ सठता की रीति ॥सब बिधि समरथ सकल कह सहि साँसति दिन राति ।भलो निबाहेउ सुनि समुझि स्वामिधर्म सब भाँति ॥भरत-महिमाभरतहि होइ न राजमदु बिधि हरिहर पद पाइ ।कबहुँ कि काँजी सीकरनि छीरसिंधु बिनसाइ ॥संपति चकई भरत चक मुनि आयस खेलवार ।तेहि निसि आश्रम पिंजराँ राखे भा भिनुसार ॥सधन चोर मग मुदित मन धनी गही ज्यों फेंट ।त्यों सुग्रीव बिभीषनहिं भई भरतकी भेंट ॥राम सराहे भरत उठि मिले राम सम जानि ।तदपि बिभीषन कीसपति तुलसी गरत गलानि ॥भरत स्याम तन राम सम सब गुन रूप निधान ।सेवक सुखदायक सुलभ सुमिरत सब कल्यान ॥लक्ष्मणमहिमाललित लखन मूरति मधुर सुमिरहु सहित सनेह ।सुख संपति कीरति बिजय सगुन सुमंगल गेह ॥शत्रुघ्नमहिमानाम सत्रुसूदन सुभग सुषमा सील निकेत ।सेवत सुमिरत सुलभ सुख सकल सुमंगल देत ॥कौसल्यामहिमाकौसल्या कल्यानमइ मूरति करत प्रनाम ।सगुन सुमंगल काज सुभ कृपा करहिं सियाराम ॥सुमित्रामहिमासुमिरि सुमित्रा नाम जग जे तिय लेहिं सनेम ।सुअन लखन रिपुदवन से पावहिं पति पद प्रेम ॥सीतामहिमासीताचरन प्रनाम करि सुमिरि सुनाम सुनेम ।होहिं तीय पतिदेवता प्राननाथ प्रिय प्रेम ॥ N/A References : N/A Last Updated : January 18, 2013 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP