v vishishta zoom_inSearch विशिष्ट पूजा ईश्व्ररोन्मुख होनेके बाद मनुष्यको परमात्माके वास्तविक तत्वक परिज्ञान होने लगता है और फिर वह सदा सर्वदाके लिये जीवमुक्त हो जाता है, इसीलिये सारे कर्म शास्त्रकी आज्ञाके अनुसार होने चाहिये । Tags: पूजा, नित्यकर्म, pooja, vishishta Type: INDEX | Rank: 1 | Lang: hi पूजा-सामग्री और रखनेका प्रकार ईश्वरोन्मुख होनेके बाद मनुष्यको परमात्माके वास्तविक तत्वक परिज्ञान होने लगता है और फिर वह सदा सर्वदाके लिये जीवमुक्त हो जाता है, इसीलिये सारे कर्म शास्त्रकी आज्ञाके अनुसार होने चाहिये । Tags: पूजा, नित्यकर्म, pooja, vishishta Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: hi आचमन और प्राणायाम ईश्वरोन्मुख होनेके बाद मनुष्यको परमात्माके वास्तविक तत्वक परिज्ञान होने लगता है और फिर वह सदा सर्वदाके लिये जीवमुक्त हो जाता है, इसीलिये सारे कर्म शास्त्रकी आज्ञाके अनुसार होने चाहिये । Tags: पूजा, नित्यकर्म, pooja, vishishta Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: hi स्वस्त्ययन ईश्वरोन्मुख होनेके बाद मनुष्यको परमात्माके वास्तविक तत्वक परिज्ञान होने लगता है और फिर वह सदा सर्वदाके लिये जीवमुक्त हो जाता है, इसीलिये सारे कर्म शास्त्रकी आज्ञाके अनुसार होने चाहिये । Tags: पूजा, नित्यकर्म, pooja, vishishta Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: hi संकल्प ईश्वरोन्मुख होनेके बाद मनुष्यको परमात्माके वास्तविक तत्वक परिज्ञान होने लगता है और फिर वह सदा सर्वदाके लिये जीवमुक्त हो जाता है, इसीलिये सारे कर्म शास्त्रकी आज्ञाके अनुसार होने चाहिये । Tags: पूजा, नित्यकर्म, pooja, vishishta, संकल्प, sankalpa Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: hi न्यास ईश्वरोन्मुख होनेके बाद मनुष्यको परमात्माके वास्तविक तत्वक परिज्ञान होने लगता है और फिर वह सदा सर्वदाके लिये जीवमुक्त हो जाता है, इसीलिये सारे कर्म शास्त्रकी आज्ञाके अनुसार होने चाहिये । Tags: पूजा, नित्यकर्म, pooja, vishishta, संकल्प, sankalpa Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: hi Folder Page Word/Phrase Person Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP