अश्मक n. (सू. इ.) अश्मा का अर्थ हे पत्थर । उसने इसे उत्पन्न किया, अतएक इसका यह नाम प्रचलित हुआ । यह कल्माषपाद नाम से प्रसिद्ध, मित्रसह राजा का पुत्र है
[वायु.८८.१७५-१७७] ;
[ब्रह्मांड. ३.६३.१७५-१७७] ;
[विष्णु.४.४३८] । कल्माषपाद राजा एक ब्राह्मण के शाप के कारण, स्त्रीसमागम नही कर सकता था । परंतु इक्ष्वाकु कुल की वृद्धि आवश्यक समझ कर, कल्माषपाद ने वशिष्ठ ऋषि से कह कर, उससे अपने मदयंती नामक पत्नी कें उदर में गर्भस्थापना करवाई
[म.आ.११३] । बारह वर्ष होने पर भी, यह गर्भ बाहर नही आया । तब मदयंती ने अश्मप्रहार से उदरविदारण कर के इसे बाहर निकाला
[म.आ.१६७.६८] । सात वर्षो के बाद, अश्मप्रहार कर वसिष्ठ ने इसे बाहर निकाला
[भा.९.९.३९] । इसने पौदन्य नामक नगर वसाया
[म.आ.१६८.२५] । इसे मूलक नामक पुत्र था, जिसे आगे चल कर, नारीकवच नाम प्राप्त हुआ
[भा.९.९] ।
अश्मक II. n. एक राजा । कर्ण ने इसे जीत कर इससे कर वसूल किया था
[म.क८.२०] । भारतीय युद्ध में यह पांडवों के पक्ष में था
[म. द्रो.६१] ।
अश्मक III. n. भीष्म शरपंजर पर पडा था । तब उसके पास रहनेवाला एक ब्राह्मण।
अश्मक IV. n. अश्मक देश का राजा
[म.स.२८.३०७] यह कौरवों के पक्ष में था । व्यूहभेद करने के पश्चात्, अभिमन्यु ने इसका वध किया
[म. द्रो.३६.२३] ।