-
चण्डिका
Meanings: 12; in Dictionaries: 7
Type: WORD | Rank: 1.670301 | Lang: NA
-
चण्डिकाष्टकम् - सहस्रचन्द्रनित्दकातिकान्त...
देवी देवतांची अष्टके आजारपण किंवा कांही घरगुती त्रास होत असल्यास घरीच देवासमोर म्हणण्याची ईश्वराची स्तुती होय. Traditionally,the ashtakam is recited in homes, when some one has health or any domestic problems.
Type: PAGE | Rank: 0.8919622 | Lang: NA
-
chandi
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.6243736 | Lang: NA
-
quarrelsome
Meanings: 3; in Dictionaries: 3
Type: WORD | Rank: 0.4414988 | Lang: NA
-
termagant
Meanings: 4; in Dictionaries: 3
Type: WORD | Rank: 0.3121868 | Lang: NA
-
shrew
Meanings: 6; in Dictionaries: 4
Type: WORD | Rank: 0.2229905 | Lang: NA
-
चण्डिकामाहात्म्य
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.08086944 | Lang: NA
-
चुक्री
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.08086944 | Lang: NA
-
तीक्ष्णकान्ता
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.08086944 | Lang: NA
-
चण्डिकाशतक
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.06739119 | Lang: NA
-
चुक्रा
Meanings: 3; in Dictionaries: 2
Type: WORD | Rank: 0.05391296 | Lang: NA
-
bhavani
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.02695648 | Lang: NA
-
वैशाख कृष्णपक्ष व्रत - चण्डिकानवमी
व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।
Type: PAGE | Rank: 0.02695648 | Lang: NA
-
भाद्रपद शुक्लपक्ष व्रत - नन्दानवमी
व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।
Type: PAGE | Rank: 0.02358692 | Lang: NA
-
श्रीदुर्गाकवचम् - शृणु देवि प्रवक्ष्यामि कव...
‘कवच‘ स्तोत्राचे पठण केल्याने देवी/देवता अदृष्य रूपात उपासकांना सुरक्षात्मक कवच प्रदान करतात.
Type: PAGE | Rank: 0.02358692 | Lang: NA
-
parvati
Meanings: 2; in Dictionaries: 2
Type: WORD | Rank: 0.02358692 | Lang: NA
-
नवदुर्गा
Meanings: 7; in Dictionaries: 6
Type: WORD | Rank: 0.02358692 | Lang: NA
-
श्रीदुर्गासप्तशती - नवमोऽध्याय:
श्रीदुर्गासप्तशती - नवमोऽध्याय:
Type: PAGE | Rank: 0.02260369 | Lang: NA
-
श्री अम्बापञ्चरत्नम् - अम्बा शंबरवैरितातभगिनी श्...
देवी देवतांची स्तुती करताना म्हणावयाच्या रचना म्हणजेच स्तोत्रे. स्तोत्रे स्तुतीपर असल्याने, त्यांना कोणतेही वैदिक नियम नाहीत. स्तोत्रांचे पठण केल्याने इच्छित फल प्राप्त होते. In Hinduism, a Stotra is a hymn of praise, that praise aspects of Devi and Devtas. Stotras are invariably uttered aloud and consist of chanting verses conveying the glory and attributes of God.
Type: PAGE | Rank: 0.02021736 | Lang: NA
-
श्री अम्बापञ्चरत्नम्
श्री अम्बापञ्चरत्नम्
Type: PAGE | Rank: 0.02021736 | Lang: NA
-
मार्कण्डेयपुराणम् - एकोननवतितमोऽध्यायः
मार्कण्डेय पुराणात नऊ हजार श्लोकांचा संग्रह आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.02021736 | Lang: NA
-
सरस्वत्यष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम्
अष्टोत्तरशतनामस्तोत्र म्हणजे देवी देवतांची एकशे आठ नावे. Ashtottara shatanamavali means 108 names of almighty God and Godess.
Type: PAGE | Rank: 0.0168478 | Lang: NA
-
आचारकाण्डः - अध्यायः १३४
विष्णू पुराणाचा एक भाग असलेल्या गरूड पुराणात मृत्यूनंतरच्या स्थितीबद्दलची चर्चा आहे, शिवाय श्रद्धाळू हिंदू धर्मीयांमध्ये मृत्यूनंतर जी विविध क्रिया कर्मे केली जातात, त्याला गरूडपुराणाची पार्श्वभूमी आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.0168478 | Lang: NA
-
आचारकाण्डः - अध्यायः २४
विष्णू पुराणाचा एक भाग असलेल्या गरूड पुराणात मृत्यूनंतरच्या स्थितीबद्दलची चर्चा आहे, शिवाय श्रद्धाळू हिंदू धर्मीयांमध्ये मृत्यूनंतर जी विविध क्रिया कर्मे केली जातात, त्याला गरूडपुराणाची पार्श्वभूमी आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.0168478 | Lang: NA
-
मार्कण्डेयपुराणम् - नवतितमोऽध्यायः
मार्कण्डेय पुराणात नऊ हजार श्लोकांचा संग्रह आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.01667847 | Lang: NA
-
श्रीदुर्गासप्तशती - दशमोऽध्याय:
श्रीदुर्गासप्तशती - दशमोऽध्याय:
Type: PAGE | Rank: 0.01667847 | Lang: NA
-
सप्ततितमः पटलः - विनियोगकथनम्
सदाशिवशाकिणीफलादेशकथनम्
Type: PAGE | Rank: 0.01459062 | Lang: NA
-
श्रीदुर्गासप्तशती - तृतीयोऽध्याय:
श्रीदुर्गासप्तशती - तृतीयोऽध्याय: Durga Saptashati
Type: PAGE | Rank: 0.01429583 | Lang: NA
-
मङ्गलाष्टकम् - ब्रह्माविष्णुर्गिरीशःसुरप...
देवी देवतांची अष्टके आजारपण किंवा कांही घरगुती त्रास होत असल्यास घरीच देवासमोर म्हणण्याची ईश्वराची स्तुती होय.Traditionally,the ashtakam is recited in homes, when some one has health or any domestic problems.
Type: PAGE | Rank: 0.01347824 | Lang: NA
-
शूरसेनाख्यायिका
क्षेमेन्द्र संस्कृत भाषेतील प्रतिभासंपन्न ब्राह्मणकुलोत्पन्न काश्मीरी महाकवि होते.
Type: PAGE | Rank: 0.01347824 | Lang: NA
-
निर्वाणप्रकरणं - सर्गः १५८
योगवाशिष्ठ महारामायण संस्कृत साहित्यामध्ये अद्वैत वेदान्त विषयावरील एक महत्वपूर्ण ग्रन्थ आहे. ह्याचे रचयिता आहेत - वशिष्ठ
Type: PAGE | Rank: 0.01347824 | Lang: NA
-
अध्याय ५२ - देवीप्रतिमालक्षणम्
अग्निपुराणात त्रिदेव – ब्रह्मा, विष्णु, महेश आणि सूर्य ह्या देवतांसंबंधी पूजा-उपासनाचे वर्णन केलेले आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.01347824 | Lang: NA
-
मार्कण्डेयपुराणम् - त्रिनवतितमोऽध्यायः
मार्कण्डेय पुराणात नऊ हजार श्लोकांचा संग्रह आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.01347824 | Lang: NA
-
मार्कण्डेयपुराणम् - सप्तशीतितमाध्यायः
मार्कण्डेय पुराणात नऊ हजार श्लोकांचा संग्रह आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.01347824 | Lang: NA
-
मङ्गलाष्टकम् - ब्रह्माविष्णुर्गिरीशःसुरप...
देवी देवतांची अष्टके आजारपण किंवा कांही घरगुती त्रास होत असल्यास घरीच देवासमोर म्हणण्याची ईश्वराची स्तुती होय. Traditionally,the ashtakam is recited in homes, when some one has health or any domestic problems.
Type: PAGE | Rank: 0.01347824 | Lang: NA
-
उत्तर पर्व - अध्याय ६२
भविष्यपुराणांत धर्म, सदाचार, नीति, उपदेश, अनेक आख्यान, व्रत, तीर्थ, दान, ज्योतिष अणि आयुर्वेद शास्त्र वगैरे विषयांचा अद्भुत संग्रह आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.01347824 | Lang: NA
-
मार्कण्डेयपुराणम् - अष्टाशीतितमोऽध्यायः
मार्कण्डेय पुराणात नऊ हजार श्लोकांचा संग्रह आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.01191319 | Lang: NA
-
मार्कण्डेयपुराणम् - त्र्यशीतितमोऽध्यायः
मार्कण्डेय पुराणात नऊ हजार श्लोकांचा संग्रह आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.01191319 | Lang: NA
-
श्रीदुर्गासप्तशती - अष्टमोऽध्याय:
श्रीदुर्गासप्तशती - अष्टमोऽध्याय:
Type: PAGE | Rank: 0.01191319 | Lang: NA
-
श्रीदुर्गासप्तशती - सप्तमोऽध्याय:
श्रीदुर्गासप्तशती - सप्तमोऽध्याय:
Type: PAGE | Rank: 0.01179346 | Lang: NA
-
सप्तदशः पटलः - अथर्ववेदचक्रस्थाकुण्डलिनीमहिमा
शक्त्याचारस्मन्वितम् अथर्ववेदलक्षणम्
Type: PAGE | Rank: 0.01179346 | Lang: NA
-
आचारकाण्डः - अध्यायः ४५
विष्णू पुराणाचा एक भाग असलेल्या गरूड पुराणात मृत्यूनंतरच्या स्थितीबद्दलची चर्चा आहे, शिवाय श्रद्धाळू हिंदू धर्मीयांमध्ये मृत्यूनंतर जी विविध क्रिया कर्मे केली जातात, त्याला गरूडपुराणाची पार्श्वभूमी आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.01179346 | Lang: NA
-
श्रीदुर्गासप्तशती - त्रयोदशोऽध्याय:
श्रीदुर्गासप्तशती - त्रयोदशोऽध्याय:
Type: PAGE | Rank: 0.01179346 | Lang: NA
-
देवी स्तोत्र - श्रीछिन्नमस्ताष्टोत्तरशतनाम स्तोत्रम्
देवी आदिशक्ती माया आहे. तिची अनेक रूपे आहेत. जसे ती जगत्कल्याण्कारी तसेच दुष्टांचा संहार.करणारीही आहे.
The concept of Supreme mother Goddess is very old in India. The divine mother has been worshipped as ' Shakti' since vedic times
Type: PAGE | Rank: 0.01179346 | Lang: NA
-
अध्याय २६८ - नीराजनाविधिः
अग्निपुराणात त्रिदेव – ब्रह्मा, विष्णु, महेश आणि सूर्य ह्या देवतांसंबंधी पूजा-उपासनाचे वर्णन केलेले आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.01179346 | Lang: NA
-
पञ्चशीतितमः पटलः - हाकिनीसहस्त्रनामविन्यासः ३
हाकिन्याःअष्टोत्तरसहस्त्रनामस्तोत्रम्
Type: PAGE | Rank: 0.01179346 | Lang: NA
-
कोटिरुद्रसंहिता - अध्यायः १३
शिव पुराणात भगवान शिवांच्या विविध रूपांचे, अवतारांचे, ज्योतिर्लिंगांचे, शिव भक्तांचे आणि भक्तिचे विस्तृत वर्णन केलेले आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.0116725 | Lang: NA
-
देवी कवचम् - ॐ नमश्चण्डिकायै मार्कण्डे...
देवी आदिशक्ती माया आहे. तिची अनेक रूपे आहेत. जसे ती जगत्कल्याण्कारी तसेच दुष्टांचा संहार.करणारीही आहे.
The concept of Supreme mother Goddess is very old in India. The divine mother has been worshipped as ' Shakti' since vedic times.
Type: PAGE | Rank: 0.0116725 | Lang: NA
-
कृतयुगसन्तानः - अध्यायः १७०
लक्ष्मीनारायणसंहिता
Type: PAGE | Rank: 0.01021343 | Lang: NA
-
देवी कवच - वैकृतिकं रहस्यम्
देवी कवच - वैकृतिकं रहस्यम्
Type: PAGE | Rank: 0.01010868 | Lang: NA