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क्व [kva] ind.
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Whither, where; क्व तेऽन्योन्यं यत्नाः क्व च नु गहनाः कौतुकरसाः [U.6.33;] क्व-क्व when repeated in co-ordinate sentences imply 'great difference' or 'incougruity'; क्व रुजा हृदयप्रमाथिनी क्व च ते विश्वसनीयमायुधम् [M.3.2;] क्व सूर्य- प्रभवो वंशः क्व चाल्पविषया मतिः [R.1.2;] [Ki.1.6;] [Ś.2.19.]
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Sometimes क्व is used in the sense of the loc. of किम्; क्व प्रदेशे i. e. कस्मिन्प्रदेशे. क्वचन Somewhere; क्वचन पतनयोग्यं देशमन्विष्यताधः N.; यत्र क्वचन वत्स्यामि [Bhāg.1.17.36.] न-क्व-च Nowhere, never; नानुभूतं क्व चानेन देहेनादृष्टमश्रुतम् [Bhāg.4.] 29.65. न क्वचन Nowhere; [Mb.14.] (a) With a following अपि it means (1) somewhere, anywhere; (2) sometimes. (b) With a following चित् it means (1) in some places; प्रस्निग्धाः क्वचिदिङ्गुदीफलभिदः सूच्यन्त एवोपलाः [Ś.1.14;] [Ṛs.1.2.] [R.1.41;] (2) in some cases; क्वचिद् गोचरः क्वचिन्न गोचरोऽर्थः. क्वचित्-क्वचित् (a) in one place-in another place, here-here; क्वचिद्वीणावाद्यं क्वचिदपि च हाहेति रुदितम् [Bh.3.125,1.4.] (b) now-now (referring to time); क्वचित् पथा संचरते सुराणां क्वचित् घनानां पततां क्वचिच्च [R.13.19.]
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क्व n. ind. (
fr. 1.कु, [Pāṇ. 5-3, 12; 5-2, 105] ) loc. of 2.क॑ = कस्मिन्, or कतरस्मिन्, [Mn. x, 66] (क्व श्रेयस्-त्वम्, in whom is the preference?), [Kathās. lxxxiii, 36]
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