रामज्ञा प्रश्न - द्वितीय सर्ग - सप्तक ३

गोस्वामी तुलसीदासजीने श्री. गंगाराम ज्योतिषीके लिये रामाज्ञा-प्रश्नकी रचना की थी, जो आजभी उपयोगी है ।


हंस बंस अवतंस जब कीन्ह बास पय पास ।

तापस साधम सिद्ध मुनि, सब कहँ सगुन सुपास ॥१॥

सूर्यवंशावतंस ( श्रीराम ) ने जब पयस्विनी नदीके पास निवास किया तब तपस्वी, साधक, सिद्ध, मुनिगण-सभीको सुख-सुविधा हो गयी । ऐसे लोगोंकी सुख सुविधा यह शकुन सूचित करता है ॥१॥

बिटप बेलि फुलहिं फलहिं जल थल बिमल बिसेषि ।

मुदित किरात बिहंग मृग मंगल मूरति देखि ॥२॥

वृक्ष और लताएँ फुलने-फलने लगीं, जल और स्थल विशेषरूपसे निर्मल हो गये । मंगल-मूर्ति श्रीरामको देखकर ( विनके ) किरात, पक्षी, पशु-सभी प्रसन्न हो गये ॥२॥

( प्रश्न - फल शुभ हैं । )

सींचति सीय सरोज कर बयें बिटप बट बेलि ।

समय सुकाल किसान हित सगुन सुमंगल केलि ॥३॥

अपने बोये वटवृक्ष एवं लताओंको श्रीजानकीजी अपने करकमलोंसे सींचती हैं । यह शकुन किसानके लिये सुकाल एंव आनन्दमयी क्रीडाका सूचक है ॥३॥

हय हाँके फिरी दखिन दिसि हेरि हेरि हिहिनात ।

भये निषाद बिषाद बस अवध सुमंतहि जात ॥४॥

सुमन्त्रजीने अयोध्या जाते समय घोडो़को हाँका तो ये । बार बार मुड़्कर दक्षिण दिशाकी और देख-देखकर हिनाहिनति हैं, इससें निषादलोग भी शोकसंतत्प हो गये ॥४॥

( प्रियवियोग तथा शोकसुचक शकुन है । )

सचिव सोच ब्याकुल सुनत असगुन अवध प्रबेस ।

समाचार सुनि सोक बस माँगी मीचु नरेस ॥५॥

अयोध्यामें प्रवेश करते समय ( सियारोंका रोना आदि ) अमंगल सूचक शब्द होते सुनकर मन्त्री ( सुमन्त्र ) शोकसे व्याकुल हो गये । उनसे ( श्रीरामका ) समाचार सुनकर शोकविवश महाराज दशरथने मृत्यु माँगी ॥५॥

( प्रश्न फल अशुभ है । )

राम राम कहि राम सिय राम सरन भये राउ ।

सुमिरहु सीताराम अब, नाहिन आन उपाउ ॥६॥

महाराज दशरथ राम-राम सीता - राम कहकर श्रीरामकी शरण चले गये ( देह त्याग दिया ) अब ( तुम भी ) श्रीसीतारामका स्मरण करो, ( घरो संकटसे बचनेका ) दुसरा कोई उपाय नहीं है ॥६॥

राम बिरहँ दसरथ मरनु, मुनि मन आगम सुमीचु ।

तुलसी मंगल मरन तरु, सुचि सनेह जल सींचु ॥७॥

श्रीरामके वियोगमें महाराज दशरथकी मृत्यु ऐसी उत्तम मृत्यु है कि ( ऐसा उत्तम मृत्युकी प्राप्ति ) मुनियोंके मनके लिये भी अगम्य ( अचिन्य ) है । तुलसीदासजी कहते है कि ऐसी मंगलमयी मृत्युके वृक्षको प्रेमके पवित्र जलसे सींचो ॥७॥

( शकुन शुभ मृत्यु उत्तम गतिका सूचक है । )

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Last Updated : January 22, 2014

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