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अब मन कृष्ण कृष्ण कहि लीज...

भजन - अब मन कृष्ण कृष्ण कहि लीज...

हरिभक्त कवियोंकी भक्तिपूर्ण रचनाओंसे जगत्‌को सुख-शांती एवं आनंदकी प्राप्ति होती है।


अब मन कृष्ण कृष्ण कहि लीजे ।

कृष्ण कृष्ण कहि कहिके जगमें साधु समागम कीजे ॥

कृष्ण नामकी माला लैके कृष्ण नाम चित दीजे ।

कृष्ण नाम अमृत रस रसना तृषावंत हो पीजे ॥

कृष्ण नाम है सार जगतमें कृष्ण हेतु तन छीजे ।

रूपकुँवरि धरि ध्यान कृष्णको कृष्ण कहि लीजे ॥

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Last Updated : December 23, 2007

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