मूरति मुहनियाँ राधिकाजूकी ।
सुंदर बसन अंग सब राजति बिहँसति बदन मृदुल मुसकनियाँ ॥
सीस चंद्रिका बीज धूल युत कर्णफूल बेसर लटकनियाँ ।
कंठ कंठ श्रीमुक्तन माला हार जटित नव लाख रतनियाँ ॥
बाजू बाजू बटा अजूबा लटकन पहुँची रतन धकनियाँ ।
छुद्रघंटिका राजत मणिमय कर किंकण बाजत झनकनियाँ ॥
अनवट बिछिया आदि दसाँगुर पट युग पायजेब पैजनियाँ ।
रूपकुँवरि महरानी चेरी मातु भक्ति दे अचल अपनियाँ ॥