भजन - जौ लौं जीवै तौ लौं ह...

हरिभक्त कवियोंकी भक्तिपूर्ण रचनाओंसे जगत्‌को सुख-शांती एवं आनंदकी प्राप्ति होती है।


जौ लौं जीवै तौ लौं हरि भजु रे मन, और बात सब बादि ।

दिवस चारिको हला भला तू कहा लेइगो लादि ॥

मायामद गुनमद जोबनमद, भूल्यौ नगर बिबादि ।

कहि हरिदास लोभ चरपट भयो काहेंकी लागै फिरादि ॥

N/A

References : N/A
Last Updated : December 21, 2007

Comments | अभिप्राय

Comments written here will be public after appropriate moderation.
Like us on Facebook to send us a private message.
TOP