भजन - हित तौ कीजै कमलनैनसों ...

हरिभक्त कवियोंकी भक्तिपूर्ण रचनाओंसे जगत्‌को सुख-शांती एवं आनंदकी प्राप्ति होती है।


हित तौ कीजै कमलनैनसों, जा हित आगे और हित लागो फीको ।

कै हित कीजै साधुसँगतिसों, जावै कलमष जी को ॥१॥

हरिको हित ऐसो जैसो रंग-मजीठ, संसारहित कसूंभि दिन दुतीको ।

कहि हरिदासहित कीजै बिहारीसों और न निबाहु जानि जी को ॥२॥

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Last Updated : December 21, 2007

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