भजन - तिनका बयारिके बस । ज्...

हरिभक्त कवियोंकी भक्तिपूर्ण रचनाओंसे जगत्‌को सुख-शांती एवं आनंदकी प्राप्ति होती है।


तिनका बयारिके बस ।

ज्यों भावै त्यों उड़ाइ लै जाइ आपने रस ॥

ब्रह्मलोक, सिवलोक और लोक अस ।

कह हरिदास बिचारि देख्यो बिना बिहारी नाहीं जस ॥

N/A

References : N/A
Last Updated : December 21, 2007

Comments | अभिप्राय

Comments written here will be public after appropriate moderation.
Like us on Facebook to send us a private message.
TOP