हिंदी सूची|हिंदी साहित्य|भजन|स्वामी हरिदास| काहूको बस नाहिं तुम्हा... स्वामी हरिदास ज्योंहीं ज्योंहीं तुम ... काहूको बस नाहिं तुम्हा... हित तौ कीजै कमलनैनसों ... तिनका बयारिके बस । ज्... हरिके नामको आलस क्यों ... हरिको ऐसोइ सब खेल । ... हरिको ऐसोइ सब खेल । ... जौ लौं जीवै तौ लौं ह... प्रेमसमुद्र रुपरस गहिरे... गहौ मन सब रसको रस सार । ... भजन - काहूको बस नाहिं तुम्हा... हरिभक्त कवियोंकी भक्तिपूर्ण रचनाओंसे जगत्को सुख-शांती एवं आनंदकी प्राप्ति होती है। Tags : bhajanharidasभजनहरिदास भजन Translation - भाषांतर काहूको बस नाहिं तुम्हारी कृपा तें, सब होय बिहारी बिहारिनि । और मिथ्या प्रपंच काहेको भाषियै, सो तो है हारनि ॥१॥ जाहि तुमसों हित ताहि तुम हित करौ, सब सुख कारनि । श्रीहरिदासके स्वामी स्यामा कुंजबिहारी, प्राननिके आधारनि ॥२॥ N/A References : N/A Last Updated : December 21, 2007 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP